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    Land For Job Scam: जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में सुनवाई टली, महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने की नहीं मिली मंजूरी

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 07:44 PM (IST)

    जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में आरोपित आर के महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिलने के कारण सुनवाई टाल दी गई है। सीबीआई ने अदालत को बताया कि मंजूरी लेने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। लालू प्रसाद यादव राबड़ी देवी तेजस्वी यादव मीसा भारती और हेमा यादव सहित पांच सदस्य इस मामले में आरोपित हैं।

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    जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में सुनवाई टली।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले एक आरोपित के खिलाफ मुकदमा चलाते की अनुमति नहीं प्राप्त होने के बाद मामले की सुनवाई टाल दी।

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले की सुनवाई 30 जनवरी 2025 तक के लिए टाल दी है। अदालत ने अधिकारियों को आरोपित पर मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए दो सप्ताह का समय दिया। अदालत ने कहा कि अगर 30 जनवरी तक मंजूरी नहीं ली जाती है, तो सक्षम अधिकारी अगली सुनवाई की तारीख तक लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करेंगे।

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    30 आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए मिली मंजूरी

    मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत को बताया कि अभी मामले में आरोपित आर के महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी लेने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इससे पहले अदालत ने इस घोटाले से जुड़े दस्तावेज को रिकॉर्ड पर लिया था। सीबीआई ने अदालत को सूचित किया था कि मामले में 30 आरोपितों पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से प्राप्त आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली गई थी।

    कोर्ट ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ जारी किया था समन

    लालू परिवार के पांच सदस्य इस मामले में आरोपित हैं। जिसमें खुद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव शामिल हैं। वहीं कोर्ट ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ भी समन जारी किया था। सात अक्टूबर को पहली बार तेज प्रताप यादव इस मामले में कोर्ट में पेश हुए थे।

    पूरा मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में वर्ष 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान की गई ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है। इस मामले ने लालू परिवार को संकट में डाल दिया है।

    यह है घोटाला

    राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में नौकरियां देने का आरोप है। ये भी आरोप है कि नौकरी देने के बदले उनसे या उनके परिवार के सदस्यों से लालू प्रसाद ने उनकी जमीनें अपने परिवार के नाम पर लिखवा ली। इस मामले की जांच बाद में सीबीआई ने शुरू की थी।

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