दिल्ली में लाडली योजना के लाभार्थियों में आई लगभग 60 प्रतिशत की कमी, वजह जान रह जाएंगे हैरान
दिल्ली की लाड़ली योजना में लाभार्थियों की संख्या में भारी कमी आई है जो लगभग 60% है। RTI के अनुसार 2008-09 में 126965 लाभार्थी थे जबकि 2024-25 में यह संख्या 53001 रह गई। जागरूकता की कमी और स्कूल छोड़ने जैसे कारणों से पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं हो पाया। लगभग 1.86 लाख लाभार्थियों ने अभी तक योजना का लाभ नहीं उठाया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में बालिकाओं की आर्थिक मदद वाली बड़ी योजना लाडली योजना के लाभार्थियों में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आई है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत सरकार की ओर से साझा की गई जानकारी से इससे पर्दा उठा है। लाडली योजना दिल्ली में 1 जनवरी 2008 को लड़कियों को सशक्त बनाने और लैंगिक असमानता को कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में बताया कि योजना के शुरू होने से लेकर 2025 तक कुल 13,52,564 लड़कियों का पंजीकरण हुआ है। जहां 2008-2009 में लाभार्थियों की संख्या 1,26,965 थी,वहीं 2024-25 में यह संख्या घटकर 53,001 रह गई है। यह 58 से अधिक प्रतिशत की गिरावट है और पिछले पांच सालों में दूसरी सबसे कम संख्या है।
30,192 लड़कियों को ही फायदा मिल पाया
साल 2019-2020 में, इस योजना से सिर्फ 30,192 लड़कियों को ही फायदा मिल पाया। लाभार्थियों की संख्या में आई इस गिरावट पर टिप्पणी के लिए दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) की निदेशक से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।
जागरूकता की कमी के कारण पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं
डब्ल्यूसीडी विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस कमी का एक कारण लड़कियों का स्कूल छोड़ना भी हो सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण अक्सर लड़कियां इस योजना के तहत अपने पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं करवा पातीं। कुछ मामलों में,उनके स्कूल छोड़ने से भी यह प्रक्रिया और जटिल हो जाती है। इस योजना के तहत,दिल्ली सरकार पात्र लड़कियों को 35-36 हजार रुपये की राशि किस्तों में देती है।
लगभग 1.86 लाख लाभार्थियों ने लाभ का दावा नहीं किया
यह राशि बैंक खाते में तब तक जमा रहती है जब तक लड़की 18 साल की नहीं हो जाती, जिसके बाद इसे निकाला जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि इस साल जनवरी तक, लगभग 1.86 लाख लाभार्थियों ने लाड़ली योजना के तहत लाभ का दावा नहीं किया, जबकि 1.66 लाख ने या तो अपना आवेदन नवीनीकृत नहीं कराया या स्कूल छोड़ दिया।
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