जानिए IIT दिल्ली के किस आइडिया के मुरीद हुए पीएम मोदी, दिल खोल कर की तारीफ
PM Modi Man ki Baat प्रधानमंत्री ने आइआइटी दिल्ली द्वारा साल 2019 में स्थापित एंडोमेंट फंड को शानदार आइडिया कहकर संबोधित किया। एंडोमेंट फंड के तहत आइआइटी दिल्ली ने अब तक ढाई सौ करोड़ से अधिक की धनराशि जुटाई है।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) ने की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने आइआइटी दिल्ली द्वारा साल 2019 में स्थापित एंडोमेंट फंड को शानदार आइडिया कहकर संबोधित किया। एंडोमेंट फंड के तहत आइआइटी दिल्ली ने अब तक ढाई सौ करोड़ से अधिक की धनराशि जुटाई है।
शानदार विचार
प्रधानमंत्री ने मन की बात में कहा कि मैंने कुछ ऐसे प्रयासों के बारे में पढ़ा है, जहां पूर्व छात्रों ने अपने पुराने संस्थानों की बढ़ चढ़कर मदद की है। आजकल पूर्व छात्र इसको लेकर बहुत सक्रिय है। आइआइटी के पूर्व छात्रों ने अपने संस्थानों को कांफ्रेंस सेंटर, मैनेजमेंट सेंटर, इन्क्यूबेशन सेंटर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई है। ये सभी प्रयास वर्तमान विद्यार्थियों के शिक्षण प्रक्रिया में सुधार करते हैं। आइआइटी दिल्ली ने एक एंडोमेंट फंड की शुरुआत की है जो कि शानदार विचार है।
स्टैनफोर्ड और हावर्ड की राह पर आइआइटी
आइआइटी की मानें तो एंडोमेंट फंड दरअसल जमा पूंजी होती है जिसे बैंक में जमा किया जाता है। इस धनराशि पर मिलने वाले ब्याज से संस्थान के विकास कार्य किए जाएंगे। ब्याज के पैसे से शोध कार्यों के लिए संसाधन बढ़ाने, नई तकनीकों का विस्तार, नवाचार ही नहीं अपितु छात्रों की आर्थिक मदद भी की जाएगी। दुनिया के बड़े शिक्षण संस्थानों में एंडोमेंट फंड का चलन है। विगत साल तक स्टैनफोर्ड और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पास इस तरह का क्रमशः 19 हजार करोड़ और 27 हजार करोड़ रुपए फंड हैं।
आइआइटी के पूर्व छात्र जुटाएंगे ये फंड
आइआइटी दिल्ली अपने पूर्व छात्रों के जरिए इस फंड को जुटाएगा। और पूर्व छात्रों का एक बोर्ड फंड का प्रबंधन करेगा। फ्लिपकार्ट के संस्थापक व आइआइटी दिल्ली के दो पूर्व छात्र सचिन बंसल और बन्नी बंसल ने 125 करोड़ रुपए इस फंड में दिए हैं। आइआइटी पदाधिकारियों की मानें तो पहले चरण में 255 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। 2025 तक 7000 करोड़ रुपए का फंड जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस पैसे का इस्तेमाल आइआइटी दिल्ली के लिए हर संभव संसाधन जुटाने में किया जाएगा। ताकि यह दुनिया के बेहतरीन तकनीकी संस्थानों में शुमार हो सके।
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