जानें किस तरह के बदलावों के बाद मेट्रो से हटा दिए जाएंगे ड्राइवर के केबिन और वहां लगे कंट्रोल पैनल
फिलहाल मेट्रो ये तैयारी कर रहा है कि वो मेट्रो ट्रेनों में हर तरह की गड़बड़ी पकड़ने वाले कैमरे लगा लें जब मेट्रो में हर तरह की गड़बड़ी पकड़ने वाले कैमरे लग जाएंगे उसके बाद मेट्रो केबिन से ड्राइवर हटा लिए जाएंगे।

नई दिल्ली, विनय तिवारी। दिल्ली मेट्रो अपने को हर तरह से आधुनिक बनाने में लगा हुआ है। इसी दिशा में सोमवार को ड्राइवरलेस मेट्रो की सौगात मिली। अब इसको पूरी तरह से अमल में लाने के लिए मेट्रो नई तकनीक को इस्तेमाल करने में लगा हुआ है। नई तकनीक के तहत मेट्रो पूरी तरह से अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन के तहत चलाई जाएगी। फिलहाल मेट्रो पूरी तरह से ड्राइवरलेस मोड से दूर है।
फिलहाल मेट्रो ये तैयारी कर रहा है कि वो मेट्रो ट्रेनों में हर तरह की गड़बड़ी पकड़ने वाले कैमरे लगा लें, जब मेट्रो में हर तरह की गड़बड़ी पकड़ने वाले कैमरे लग जाएंगे, उसके बाद मेट्रो केबिन से ड्राइवर हटा लिए जाएंगे। जब इसमें कामयाबी मिल जाएगी तो अगले चरण में मेट्रो के कोच से ड्राइवर केबिन और कंट्रोल पैनल भी हटा दिए जाएंगे। फिलहाल मेट्रो में ड्राइवर के केबिन ट्रेन के आगे और पीछे लगे होते हैं। फिलहाल जो व्यवस्था है उसमें लगाए गए कैमरों से ट्रैक पर होने वाली गड़बड़ियां नहीं देखी जा सकती। मेट्रो की प्लानिंग है कि वो ट्रैक की फुटेज को रियल टाइम में कमांड सेंटर से देखने के लिए भी कुछ बदलाव और करने हैं।
जब तक डीएमआरसी पूरी तरह से यूटीओ (अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन) मोड में नहीं चला जाता, एक ट्रेंड मेट्रो ऑपरेटर ट्रेन में मौजूद होगा ताकि किसी आपातकाल की स्थिति में हालात को संभाला जा सके। जैसे ही मेट्रो अपने को हर तरह की गड़बड़ी को पकड़ने वाले कैमरे लगा लेगा, कोच के केबिन से ड्राइवर हटा दिए जाएंगे। अभी लगाए गए कैमरों से ट्रैक पर होने वाली गड़बड़ियां नहीं देखी जा सकतीं।
वैसे मेट्रो को चलाने से जुड़े कई काम पहले से ही ऑटोमैटिक हैं। हाई रिजॉल्यूशन के कैमरे लग जाने से ट्रैक पर केबिन से नजर रखने की जरूरत नहीं होगी। इस नए प्लान के मुताबिक ट्रैक और ट्रेन के ऊपर से गुजरने वाली तारों पर लगातार नजर रखी जाएगी और किसी आपातकाल की स्थिति में तुरंत कदम उठाए जा सकेंगे। कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ़्टी (सीएमआरएस) की ओर से भी ये निर्देश दिए गए हैं कि कमांड सेंटर पर सबकुछ साफ दिखे और ट्रेन पर लगे कैमरों को नमी से मुक्त रखा जाए। उनकी ओर से प्रणालियों के निरीक्षण और समीक्षा के लिए एक सलाहकार भी नियुक्त किया है।
साल 2021 में डीएमआरसी की पिंक लाइन पर भी इसी तरह से ड्राइवरलेस मेट्रो चलाने की तैयारी है। ऐसा कहा जा रहा है कि पिंक लाइन पूरी तरह से ड्राइवर लेस ट्रेन होगी और इसमें सारी नई व्यवस्थाएं करके ही उसे चलाया जाएगा। ड्राइवरलेस का मतलब मेट्रो पूरी तरह से ड्राइवरलेस होगी। यदि किसी तरह की इमरजेंसी होगी तो कमांड सेंटर में बैठे लोग उसकी सूचना आसपास के स्टेशनों को देंगे और वहां पर उसे कंट्रोल करने के लिए कदम उठाया जाएगा।
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