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    General Budget 2021: दिल्ली-एनसीआर में भी दौड़ेगी नियो-लाइट मेट्रो, यहां पढ़िये- दोनों में क्या है अंतर

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Mon, 01 Feb 2021 01:57 PM (IST)

    Light Metro and Neo Metro रबर टायर पर चलने वाली 3 कोच वाली इस मेट्रो की लागत परंपरागत मेट्रो के निर्माण लागत से 40 फीसदी तक कम है। ऐसे में माना जा रह ...और पढ़ें

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    मेट्रो विस्तार में नियो मेट्रो का इस्तेमाल किया सकता है।

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Light Metro and Neo Metro:  सोमवार को पेश आम बजट 2021-22 में अब मेट्रो बनाने में लाइट और नियो नाम की दो नई तकनीकियों को इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल, पिछले साल दिसंबर में ही नियो मेट्रो को लॉन्च किया था। केंद्रीय शहरी मंत्रालय के मुताबिक, यह देश के उन शहरों के लिए लाया गया है, जहां पर 20 लाख तक की जनसंख्या है। दरअसल, रबर टायर पर चलने वाली 3 कोच वाली इस मेट्रो की लागत परंपरागत मेट्रो के निर्माण लागत से 40 फीसदी तक कम है। ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज में नियो मेट्रो का इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, दिल्ली से सटे शहरों मसलन, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में मेट्रो विस्तार में नियो मेट्रो का इस्तेमाल किया सकता है।

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    दिल्ली में भी चलेगी लाइट मेट्रो

    रिठाला-नरेला मेट्रो लाइट कॉरिडोर के अलावा कीर्ति नगर-द्वारका कॉरिडोर की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) तैयार कर मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार लंबित है। रिठाला-नरेला कॉरिडोर फेज चार का हिस्सा है  रिठाला से नरेला के बीच मेट्रो लाइट कॉरिडोर बनाने का फैसला किया गया है, जिसकी लंबाई 21.7 किलोमीटर होगी। इसके निर्माण पर मेट्रो कॉरिडोर के मुकाबले 50 फीसद कम खर्च आएगा। साथ ही संचालन लागत भी कम आएगी।

    नोएडा- ग्रेटर नोएडा में जल्द सकती है Metro Lite

    नोएडा मेट्रो रेल निगम (Noida Metro Rail Corporation) पिछले साल ही 2 नए प्रस्तावित रूटों (नोएडा सेक्टर-142 से बॉटेनिक गार्डन और ग्रेटर नोएडा स्थित एक्वा लाइन डिपो से बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तक) पर लाइट मेट्रो (Light Metro) का संचालन करने की बात कही थी। दोनों रूटों पर टेक्नो इक्नॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Techno Economic Feasibility Report) तैयार करने का काम शुरू हो गया है। यह फिलहाल अंतिम चरण में है।

    जानिए- लाइट मेट्रो के बारे में

    • लाइट मेट्रो अन्य मेट्रो की तुलना में कम खर्चीली होती है।
    • लाइट मेट्रो के स्टेशन तुलनात्मक रूप से काफी छोटे होते हैं
    • अन्य मेट्रो की तुलना में लाइट मेट्रो में यात्रियों को ढोने की झमता काफी कम होती है।
    • मेट्रो के मुकाबले में लाइन मेट्रो के निर्माण में 50 फीसद का कम खर्च आता है।
    • आने वाले समय में दिल्ली के अलावा, चेन्नई, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज और झांसी समेत यूपी के कई शहरों में लाइट मेट्रो दौड़ती नजर आएगी।

    लाइट मेट्रो

    इस मेट्रो का कॉरिडोर सड़क के समानांतर जमीन पर होता है और स्टेशन बस स्टैंड की तरह होता है। दिल्ली में रिठाला से नरेला के बीच 21.7 किलोमीटर का मेट्रो लाइट कॉरिडोर प्रस्तावित है। इसमें तीन से चार कोच होंगे। तीन कोच की मेट्रो में 300 यात्री सफर कर सकते हैं। मेट्रो के पहियों में रबड़ लगा होता है।

    नियो मेट्रो

    यह मेट्रो लाइट से भी हल्की और ट्राम की तरह होगी। दिल्ली में कीर्ति नगर से द्वारका सेक्टर 25 तक नियो मेट्रो का कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। पहले लाइट मेट्रो की ही परियोजना थी। बाद में शहरी विकास मंत्रलय ने इसे बदलकर नियो मेट्रो का निर्माण करने का प्रस्ताव किया है। इस कारिडोर की लंबाई 19 किलोमीटर होगी। इसे मेट्रो बस भी कहा जा सकता है।

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