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किसान आंदोलन से आ रही बड़ी खबर, दिल्ली-सोनीपत-पानीपत हाइवे को छोड़ने के लिए हुए तैयार, रखी ये शर्त

प्रशासन ने आंदोलनकारियों से जीटी रोड के एक तरफ का रास्ता खोलने का अनुरोध किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना व जनहित में सहयोग की अपील की है। इस पर कुछ प्रतिनिधियों ने कहा कि एकतरफ का मार्ग छोड़ने की स्थिति में उन्हें वैकल्पिक जगह उपलब्ध करवाएं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 07:05 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 05:10 AM (IST)
किसान आंदोलन से आ रही बड़ी खबर, दिल्ली-सोनीपत-पानीपत हाइवे को छोड़ने के लिए हुए तैयार, रखी ये शर्त
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को इस पर सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया है।

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। लघु सचिवालय में मंगलवार को जिला व पुलिस प्रशासन के साथ कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों की एक बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता उपायुक्त ललित सिवाच ने की। प्रशासन ने आंदोलनकारियों से जीटी रोड के एक तरफ का रास्ता खोलने का अनुरोध किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना व जनहित में सहयोग की अपील की है। मोर्चा के प्रतिनिधियों ने इस पर सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया है।

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उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया कि मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर जीटी रोड खोलने की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि जनहित में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 पर कुंडली-सिंघु बार्डर पर आंदोलनकारियों से एक तरफ के मार्ग पर आम लोगों को रास्ता दिलाया जाए।

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इस निर्णय के आलाेक में उपायुक्त ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुए आग्रह किया कि वे दिल्ली से सोनीपत-पानीपत मार्ग को खोल दें। इस मार्ग पर आंदोलनकारियों की संख्या भी बहुत कम है। इसके साथ ही यह मार्ग काफी जर्जर हो चुका है, जिसकी मरम्मत की सख्त आवश्यकता है।

उपायुक्त सिवाच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनुपालना में आंदोलनकारियों का सहयोग अपेक्षित है। इसके साथ ही आम जनमानस को हो रही परेशानियों को भी दूर करने में मदद मिलेगी। इसके लिए आंदोलनकारियों को सोच-विचार कर सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए। क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों का रोजाना दिल्ली आना-जाना होता है। किंतु मार्ग अवरुद्ध होने के कारण लोगों को अत्यधिक समस्याएं उठानी पड़ रही हैं।

यही नहीं, उपायुक्त ने बताया कि कि आंदोलन के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग-44 का निर्माण कार्य भी लंबे समय से अवरुद्ध है। ऐसे में यदि आंदोलनकारी एक तरफ का रास्ता देते हैं तो राष्ट्रीय राजमार्ग का एक ओर का निर्माण कार्य भी जल्द पूरा हो सकेगा। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे इस पर सकारात्मक विचार करेंगे। इसके लिए वे मोर्चा के अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर जल्द प्रशासन को सूचित करेंगे।

वहीं, कुछ प्रतिनिधियों ने कहा कि एकतरफ का मार्ग छोड़ने की स्थिति में उन्हें वैकल्पिक जगह उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग का बंद किया जाना और दीवार खड़ी करना सबसे बड़ी समस्या है। बैठक में पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा, डीएसपी विरेंद्र सिंह, डीएसपी सतीश कुमार, संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि मंजीत सिंह, कुलदीप सिंह, जगवीर सिंह चौहान, बलवंत सिंह, मेजर सिंह पूनावाल, मुकेश चंद्र, गुरप्रीत, जोगेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह, कुलप्रीत सिंह, बलवान सिंह, करतार सिंह, सुभाषचंद्र सोमरा, सरदार सतनाम सिंह, विक्रमजीत सिंह आदि मौजूद थे।

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