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    Kisan Andolan Delhi: सरकार और किसानों के बीच वार्ता पर दिल्ली के व्यापारियों की नजर

    By Vinay TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 01 Dec 2020 06:59 PM (IST)

    बाजारों के प्रतिनिधियों की निगाह विज्ञान भवन की तरफ लगी रही। जहां बातचीत हो रही थी। व्यापारियों की चिंता यह है कि अभी तकरीबन तीन बार्डर की सड़कों से आवागमन प्रभावित है लेकिन आंदोलन अधिक देर चला तो दिल्ली में प्रवेश के सभी पांचों मार्ग ठप हो सकते हैं।

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    सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को अन्य लोगों का सहयोग मिल रहा है। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। किसानों के आंदोलन के छठवें दिन मेें पहुंचने के साथ ही दिल्ली के बाजारों की चिंता बढ़ गई है। वैसे, केंद्र सरकार और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत की शुरुआत होने के साथ वे आशांवित है कि आंदोलन खत्म होने का रास्ता निकलेगा और दिल्ली में आवागमन पहले की तरह बहाल हो जाएगी। ऐसे में बाजारों के प्रतिनिधियों की निगाह विज्ञान भवन की तरफ लगी रही, जहां दोनों पक्षों के बीच बातचीत हो रही थी। व्यापारियों की चिंता यह है कि अभी तकरीबन तीन बार्डर की सड़कों से आवागमन प्रभावित है, लेकिन आंदोलन अधिक देर चला तो दिल्ली में प्रवेश के सभी पांचों मार्ग ठप हो सकते हैं। इसका सबसे अधिक प्रभाव दिल्ली के थोक बाजारों पर पड़ेगा।

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    दिल्ली के मोटर पार्टस मार्केट कश्मीरी गेट व अजमेरी गेट पर किसान आंदोलन का बुरा असर पड़ा है।  आटोमोटिव पार्टस मर्चेंट एसोसिएशन, कश्मीरी गेट के अध्यक्ष विष्णु भार्गव व महासचिव विनय नारंग ने कहा कि उनके बाजार में आने वाले खरीदारों में पंजाब की भागीदारी 65 फीसद थी, जो आंदोलन के कारण रास्ते ठप होने से अब बाजार में नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में अनलॉक के दौर में बाजार का जो कारोबार कोरोना काल के पहले की तुलना में 70 फीसद तक पहुंच गया था वह अब 30 फीसद पर आ गया है। क्योंकि बार्डर सील होने की जानकारी मिलने पर दूसरे राज्यों से भी खरीदार नहीं आ रहे हैं। किसानों का आंदोलन आगे जारी रहता है तो दिल्ली के बाजारों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इस मामले का हल निकालना चाहिए।

    दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने कहा कि लालकिला से लेकर सदर बाजार तक के बीच स्थित सभी थोक बाजारों का कारोबार पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। किसानों द्वारा दिल्ली की सीमा पर बैठने के कारण हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर तक में माल की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसी तरह इन राज्यों से आने वाले ग्राहक भी दिल्ली के बाजारों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। चिंता यह कि आंदोलन लंबा चला तथा किसान सभी बार्डरों को जाम कर देंगे तो दिल्ली की स्थिति काफी विकट हो जाएगी। इसलिए सरकार को आंदोलन खत्म कराने के लिए गंभीरता से आगे बढ़ना चाहिए।

    दिल्ली इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन, भागीरथ पैलेस के अध्यक्ष भारत आहूजा ने इलेक्ट्रिकल के साथ इलेक्ट्रानिक्स का कारोबार काफी प्रभावित हुआ है। वैसे ही दीपावली के बाद बाजार में काफी कम ग्राहक रह गए थे। अब आंदोलन से बाजारों में काम धंधा काफी घट गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के इस आंदोलन से व्यापारी भी काफी चिंतित है। चिंता खुद के कारोबार के साथ देशभर के किसानों की भी है। ऐसे में सरकार को इस मुद्​दे का जल्द से जल्द हल निकालना चाहिए।

     

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