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    Delhi New LG: विनय कुमार सक्सेना के कार्यकाल में खूब निखरी खादी, पहले ऐसे उपराज्यपाल, जो सरकारी सेवा में नहीं रहे

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 24 May 2022 09:53 AM (IST)

    Delhi New LG Vinai Kumar Saxena विनय कुमार सक्सेना राष्ट्रीय खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। इनके कार्यकाल में खादी खूब निखरी और केवीआइसी के सालाना टर्नओवर में भी इजाफा हुआ। सक्सेना दिल्ली के पहले ऐसे उपराज्यपाल बने हैं जो सरकारी सेवा में नहीं रहे।

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    Delhi New LG: विनय कुमार सक्सेना के कार्यकाल में खूब निखरी खादी

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi New LG Vinai Kumar Saxena: दिल्ली के नवनियुक्त उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना राष्ट्रीय खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी) के अध्यक्ष रहे हैं। अपने लगातार दो बार के कार्यकाल में खादी को बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना और रोजगार के अवसर बढ़ाना इनकी उपलब्धि रही है। इनके कार्यकाल में खादी खूब निखरी और केवीआइसी के सालाना टर्नओवर में भी इजाफा हुआ। सक्सेना दिल्ली के पहले ऐसे उपराज्यपाल बने हैं जो सरकारी सेवा में नहीं रहे।

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    सक्सेना, पहली बार अक्टूबर 2015 में केवीआइसी के अध्यक्ष नियुक्त हुए। इन्होंने खादी और ग्रामोद्योग की अप्रयुक्त धाराओं की खोज की और ''हनी मिशन'', ''कुम्हार सशक्तीकरण योजना'' और चमड़ा कारीगर विकास योजना जैसी कई नवीन योजनाओं को लागू किया।

    महात्मा गांधी की प्रतिमा को दिलवाया सम्मानजनक स्थान

    आंखें सभी के पास होती हैं, लेकिन दृष्टि कुछ के ही पास होती है। नए उपराज्यपाल ऐसी ही दृष्टि वाले हैं। 17 मई 2008 को सक्सेना ने पाया कि महात्मा गांधी की प्रतिमा को दूसरी मंजिल पर एक आइसक्रीम पार्लर के पास एक कूड़ेदान के पास रखा गया था। जबकि लंदन के मैडम तुसाद मोम संग्राहलय में विश्व के अन्य प्रसिद्ध नेताओं की मूर्तियों का प्रदर्शन किया गया था।

    उस व्यक्ति ने इस मुद्दे को उठाया और तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया था, ''क्या यह एक विरोधाभास नहीं है कि उस व्यक्ति की स्मृति जिसने एक सदी पहले दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की बुराई पर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था।

    अब उसी निंदनीय अवमानना के अधीन है जिसे हमने सोचा था कि दुनिया ने जीत ली है? क्या यह भारत और ऐतिहासिक सम्मान के रोल मॉडल के खिलाफ नस्लीय पूर्वाग्रह नहीं है?'' इस पत्र का संज्ञान लेते हुए संग्रहालय कार्यालय द्वारा माफी की पेशकश की गई और महात्मा की प्रतिमा को तुरंत भूतल पर ''विश्व नेताओं'' प्रदर्शनी हाल में स्थानांतरित कर दिया गया।

    पहले ऐसे उपराज्यपाल, जो सरकारी सेवा में नहीं रहे

    विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के पहले ऐसे उपराज्यपाल बने हैं जो सरकारी सेवा में नहीं रहे। 1966 से अभी तक 57 सालों में दिल्ली के कुल 22 उपराज्यपाल नियुक्त हुए हैं। सक्सेना 22वें हैं जबकि इनसे पहले बने 21 उपराज्यपाल सरकारी सेवा में रहे थे।

    दिल्ली में अभी तक बने 21 उपराज्यपालों का ब्योरा

    ए एन झा, आइसीएस, 7 सितंबर 1966 से 19 जनवरी 1972

    एम जी पिंपुटकर, आइसीएस, 19 जनवरी 1972 से 23 अप्रैल 1972

    बालेश्वर प्रसाद, आइएएस, 24 अप्रैल 1972 से 3 अक्टूबर 1974

    कृष्णचंद, आइसीएस, 4 अक्टूबर 1974 से 30 मार्च 1977

    डी आर कोहली, आइसीएस, 31 मार्च 1977 से 16 फरवरी 1980

    जगमोहन, आइएएस, 17 फरवरी 1980 से 30 मार्च 1981

    एस एल खुराना, आइएएस, 30 मार्च 1981 से 1 सितंबर 1982

    जगमोहन, आइएएस, 2 सितंबर 1982 से 25 अप्रैल 1984

    पी जी गवई, आइएएस, 26 अप्रैल 1984 से 3 नवंबर 1984

    एम एम के वली, आइएएस, 4 नवंबर 1984 से 15 नवंबर 1985

    एवीएम एच एल कपूर, 16 नवंबर 1985 से 3 अगस्त 1988

    रामेश भंडारी, आइएएस, 4 अगस्त 1988 से 13 दिसंबर 1989

    एसीएम अर्जन सिंह, 14 दिसंबर 1989 से 17 दिसंबर 1990

    मार्कंडेय सिंह, आइपीएस, 16 दिसंबर 1990 से 4 मई 1992

    पी के दवे, आइएएस, 4 मई 1992 से 4 जनवरी 1997

    तेजेंद्र खन्ना, आइएएस, 4 जनवरी 1997 से 20 अप्रैल 1998

    विजय कपूर, आइएएस, 20 अप्रैल 1998 से 8 जून 2004

    बी एल जोशी, लोकसेवक, 9 जून 2004 से 8 अप्रैल 2007

    तेजेंद्र खन्ना, आइएएस, 9 अप्रैल 2007 से 8 जुलाई 2013

    नजीब जंग, आइएएस, 9 जुलाई 2013 से 22 दिसंबर 2016

    अनिल बैजल, आइएएस, 31 दिसंबर 2016 से अभी तक

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