Delhi News: सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में केजरीवाल को राहत, 3 मई को होगी अगली सुनवाई
दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि द्वारका में अरविंद केजरीवाल से जुड़े सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में अभी तक आरोपितों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस आरोपितों को ढूंढने के लिए प्रयासरत है और कोर्ट से जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होनी है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े द्वारका में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपियों का पता नहीं लगा पाई है।
आरोपियों का पता लगाने की कोशिश जारी
शनिवार को राउज एवेन्यू की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए पुलिस ने कहा कि वह लगातार आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय देने का अनुरोध किया।
3 मई को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने पुलिस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मामले को 3 मई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। मामले की शुरुआत वादी शिव कुमार सक्सेना नामक व्यक्ति द्वारा दायर एक आवेदन से हुई। आरोप लगाया गया था कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व आप विधायक गुलाब सिंह और भाजपा पार्षद नितिका शर्मा सहित अन्य राजनीतिक हस्तियों ने वर्ष 2019 में द्वारका में विभिन्न स्थानों पर होर्डिंग्स लगाकर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया था।
अदालत ने की अर्जी खारिज
शिव सक्सेना ने पहले 2019 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो अदालत का रुख किया था। 15 सितंबर, 2022 को द्वारका की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने एफआईआर की मांग वाली शिव की अर्जी खारिज कर दी। इसके खिलाफ शिव ने सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की और 21 जनवरी, 2025 को एक विशेष अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत को आवेदन पर नए सिरे से फैसला करने को कहा।
11 मार्च को एसीजेएम मित्तल ने पाया कि प्रथम दृष्टया एक संज्ञेय अपराध किया गया था। अदालत ने पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और आगे की जांच करने का निर्देश दिया।
26 मार्च 2025 को पुलिस ने केजरीवाल और अन्य के खिलाफ दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इसके तहत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर अधिकतम एक साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
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