दिल्ली पुलिस, MCD समेत इनकी बढ़ सकती है परेशानी, करोल बाग मेगा मार्ट आग मामले में HC ने मांगा जवाब
करोल बाग के विशाल मेगा मार्ट में आग लगने से दो युवकों की मौत के मामले में कुटुंब नामक एनजीओ की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार अग्निशमन विभाग और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। याचिका में विशाल मेगा मार्ट के प्रबंधन और संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की गई है। कुटुंब संस्था ने घटना की पूरी जाँच की मांग की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।Vishal Mega Mart fire: करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में आग लगने के दौरान लिफ्ट में फंसे दो युवकों की मौत के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार व दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से सहित अन्य एजेंसियों से जवाब मांगा है।
कुटुंब संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार, एमसीडी, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और व अग्निशमन विभाग को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर के लिए तय की है।
गैर सरकारी संगठन कुटुंब ने अधिवक्त रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से याचिका दायर कर विशाल मेगा मार्ट के प्रबंधन, पुलिस अधिकारियों और अग्निशमन विभाग के खिलाफ जांच कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया कि मानदंडों का पालन किए बिना इतनी घनी आबादी वाले क्षेत्र में शापिंग सेंटर चलाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया।
याचिका में करोल बाग/राजेंद्र नगर और उसके आसपास के इलाकों में सभी अवैध और अनाधिकृत शापिंग सेंटरों, होटलों, रेस्तरां, पुस्तकालयों व कोचिंग सेंटरों के कामकाज को जांच समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने तक निलंबित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। करोल बाग में विशाल मेगा मार्ट में आग की घटना के दौरान लिफ्ट में फंसे दो युवकों की मौत हो गई थी।
याचिका में कहा गया कि मामले में दी गई शिकायत में कहा गया है कि विशाल मेगा मार्ट परिसर में लगी लिफ्ट में कोई पैनिक बटन/हेल्प बटन नहीं था। यहां तक की लिफ्ट में फंसे युवक द्वारा बार-बार मदद मांगने के बाद भी विशाल मेगा मार्ट का कोई कर्मचारी नहीं आया।
यह हैरान करने की बात है कि मृतक धीरेंद्र प्रताप का शव का निकालने में सात घंटे लग गए। यह भी कहा गया कि अगर विशाल मेगा मार्ट, दिल्ली पुलिस व अग्निशमन विभाग समय पर सक्रिय होते तो युवक की जान बचाई जा सकती थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।