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    उजागर हुई दिल्ली दंगे की कहानी...सालों बाद पुलिस सुलझाएगी गुत्थी, SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश

    By Ashish Gupta Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 02 Feb 2025 12:50 PM (IST)

    साल 2020 में हुए दिल्ली दंगों को लेकर एक नई कहानी सामने आई है। इस मामले में कड़कड़डूमा न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एक एसएचओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। दिल्ली दंगों के दौरान वंदे मातरम कहने और राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया था। कोर्ट ने फरवरी-मार्च 2020 में ज्योति नगर थाने में तैनात एसएचओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

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    पूर्व विधायक कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच करने में विफल रही पुलिस

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली दंगे के दौरान युवकों से मारपीट करने और उन्हें वंदे मातरम कहने व राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करने के मामले में एसएचओ के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

    कड़कड़डूमा स्थित प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फरवरी-मार्च 2020 में ज्योति नगर थाने में तैनात एसएचओ के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

    कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच करने में विफल रही दिल्ली पुलिस

    इस मामले में पूर्व विधायक कपिल मिश्रा को लेकर कोर्ट ने कहा कि एमपी-एमएलए कोर्ट जाने को कहा गया है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि पुलिस या तो कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच करने में विफल रही या फिर उसने आरोपों को छिपाने की कोशिश की।

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    अवैध सभा का नेतृत्व कर रहे थे कपिल मिश्रा

    शिकायतकर्ता मोहम्मद वसीम ने अदालत में एक आवेदन दायर कर आरोप लगाया था कि 24 फरवरी 2020 को कर्दमपुरी पुलिया के पास एक अवैध समूह था। उन्होंने उनमें से कपिल मिश्रा की पहचान की थी, जो कथित तौर पर अवैध सभा का नेतृत्व कर रहे थे।

    उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी चलाईं। शिकायत के अनुसार वसीम ने भागने की कोशिश की, लेकिन एक पुलिसकर्मी ने उसे पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया। आरोप है कि दिल्ली पुलिस के जवान कपिल मिश्रा और उसके साथियों का पूरा साथ दे रहे थे।

    राष्ट्रगान गाने को किया मजबूर

    वसीम ने आरोप लगाया कि चार पुलिसकर्मियों ने उसे उठाकर ऐसी जगह फेंक दिया जहां पहले से ही दूसरे घायल लोग पड़े थे। उसने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया और उससे राष्ट्रगान गाने और वंदे मातरम कहने को कहा।

    कार्रवाई की मांग

    आरोप है कि उनसे जबरन धार्मिक नारे लगवाए गए। शिकायत में ज्योति नगर थाने के तत्कालीन एसएचओ पर भी कई आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

    इस मामले में अदालत ने ज्योति नगर थाने के तत्कालीन एसएचओ के खिलाफ किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने, उसकी धार्मिक मान्यताओं का अपमान करने, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, आपराधिक धमकी देने समेत कई आरोपों में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

    यह भी कहा गया है कि मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर से निचले स्तर के किसी अधिकारी को नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए।

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