ब्रिक्स स्टार्टअप प्रतियोगिता-2025 में चुनी गईं दिल्ली की कंचन गुप्ता, ब्राजील में किया जाएगा सम्मानित
दिल्ली की कंचन गुप्ता ने ब्रिक्स महिला स्टार्टअप प्रतियोगिता-2025 की विजेता बनकर भारत को गौरवान्वित किया है। वह बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए आरामदायक कपड़े डिजाइन करती हैं। कंचन को ब्राजील में 5 जुलाई को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने हैकसोर स्टार्टअप के जरिये फैशनेबल और सुविधाजनक कपड़े बनाए हैं जिससे मरीजों और बुजुर्गों को आराम मिलता है। उनकी कंपनी का टर्नओवर डेढ़ करोड़ तक पहुंच गया है।

शालिनी देवरानी, दक्षिणी दिल्ली: मरीजों और बुजुर्गों की असुविधा को देखते हुए खास कपड़े डिजाइन करने वाली दिल्ली की उद्यमी कंचन गुप्ता अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का गौरव बढ़ाएंगी।
कंचन BRICS Women Startup Competition 2025 के तहत चयनित विश्वभर की 18 विजेता महिला उद्यमियों में शामिल हैं। ब्राजील के रियो डि जेनेरो में पांच जुलाई को होने वाले समारोह में उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
वह सोमवार रात दिल्ली से ब्राजील के लिए रवाना हो चुकी हैं। कंचन गुप्ता गुरुग्राम के नरवाना के पतराम नगर की बहू हैं और परिवार के साथ दिल्ली के वसंत कुंज में रहती हैं।
अभी तक छह हजार लोगों तक ये कपड़े पहुंच चुके हैं
वह अपने स्टार्टअप 'हैक्सोर' के जरिये फैशनेबल और सुविधाजनक कपड़े बनाती हैं, जोकि बीमारियों, सर्जरी व शारीरिक परेशानियों ने गुजर रहे मरीज व बुजुर्ग पहन सकते हैं।
अभी तक भारत व अमेरिका के छह हजार लोगों तक ये कपड़े पहुंचा चुकी हैं और जल्द संयुक्त अरब अमीरात में भी सुविधा देंगी। कंचन ने प्रधानमंत्री मोदी की महिला उद्यमियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की प्रशंसा की।
मां की तकलीफ से आया विचार, किया डेढ करोड़ का कारोबार
कंचन बताती हैं कि साल 2022 के अंत में कैंसर से जूझ रही मां को इंजेक्शन और दवाओं के चलते हाथों में दर्द रहता था और कपड़े पहनने में कठिनाई होती थी। उनके लिए सुविधाजनक कपड़े कहीं नहीं मिले तो खुद बनाने का फैसला लिया।
हालांकि मां इन कपड़ों को नहीं पहन सकी, लेकिन उनके निधन के बाद पीड़ा को दिशा दी और डेढ़ साल तक मरीजों की जरूरतों पर शोध किया।
करीब 22 पुनर्वास केंद्रों, फिजियोथेरेपी सेंटरों और इमरजेंसी वार्डों में 300 मरीजों से मिलकर परेशानी जानी और कपड़ों के सैंपल निशुल्क बांटकर प्रतिक्रिया ली।
26 जनवरी 2025 को ब्रांड लांच किया और कंपनी अब तक करीब डेढ़ करोड़ का टर्नओवर कर चुकी हैं। उन्होंने बुजुर्गों को जागरूक करने के लिए एज फ्रेंडली भारत फाउंडेशन भी बनाई है, जिससे दो लाख बुजुर्ग जुड़े हैं।
अपनी सफलता का श्रेय पति और ससुर तो देती हैं
सफलता का श्रेय पति हिमांशु गुप्ता और ससुर सुरेश कुमार को देती हैं। फैशनेबल कपड़ों के बाद जूते भी होंगे लांच ये कपड़े सिर्फ सुविधाजनक, नहीं बल्कि फैशनेबल भी हैं।
फिलहाल डिमेंशिया, दिव्यांगता, प्रोस्थेक, व्हीलचेयर, अल्जाइमर, गठिया जैसी 11 परेशानियों के साथ अस्पताल या सर्जरी के बाद बिस्तर पर रहने वाले मरीजों व बुजुर्गो के लिए आरामदायक कपड़े बनाए जा रहे हैं, जिनमें वेल्क्रो और इलास्टिक होता है।
जल्द ही जूते और जुराब भी लाॅन्च करने की तैयारी
पुरुषों के लिए वेल्क्रो क्लोजर पैंट, डेनिम, कुर्ता-पजामा और रेडीमेड वेल्क्रो धोती भी है उपलब्ध है, तो वहीं महिलाओं के लिए खास को-आर्ड सेट, ओपन कुर्ती व ट्यूनिक, टाॅप व स्कर्ट भी हैं।
जल्द ही पैरों में सूजन या तकलीफ जैसी बीमारियों के मरीजों के लिए जूते और जुराब भी लाॅन्च किए जाएंगे, इसपर फिलहाल शोध जारी है।
21 देशों के प्रतिभागियों में से 18 रहे विजेता ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल और ब्रिक्स महिला बिजनेस अलायंस द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता का मकसद महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना है।
प्रतियोगिता में इन देशों के प्रतिभागी होंगे शामिल
इसमें ब्रिक्स सदस्य देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात व भागीदार देशों के प्रतिभागी भाग लेते हैं।
मार्च से जून तक हुई इस प्रतियोगिता में 21 देशों से हजारों प्रतिभागी शामिल हुए और 18 विजेता चुने गए हैं। ये विजेता एक से पांच जुलाई तक कार्यक्रमों में शामिल होकर स्टार्टअप, तकनीक व बिजनेस आइडिया जानेंगे और पांच जुलाई को सम्मानित होंगे।
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