स्वदेशी खेल कबड्डी के जरिए जुड़ेगा देश, ओलिंपिक में शामिल कराने के लिए क्रीड़ा भारती ने शुरू की मुहिम
वर्ष 2036 में ओलंपिक में कबड्डी को शामिल कराने के लिए क्रीड़ा भारती ने राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। इसका लक्ष्य हर जिले में 100 कबड्डी टीमें बनाना और प्रतियोगिताओं का आयोजन करना है। संगठन का राष्ट्रीय अधिवेशन अहमदाबाद में होगा जिसमें भविष्य की रूपरेखा तय की जाएगी। कबड्डी 5000 वर्ष पुराना खेल है और पूरे देश में लोकप्रिय है जिसे भगवान कृष्ण भी खेला करते थे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। हजारों वर्ष पुराने स्वदेशी खेल कबड्डी के जरिए न सिर्फ देश जुड़ेगा, बल्कि ओलिंपिक में इस खेल को शामिल कराने और स्वर्ण लाने की मुहिम अभी से शुरू हो गई है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर उससे प्रेरित खेल संगठन क्रीड़ा भारती ने कबड्डी को लेकर महत्वकांक्षी राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है, जिसमें देशभर में जिला स्तर पर 100-100 कबड्डी की टीमें खड़ी कर प्रतियोगिताओं का आयोजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा माहौल बनाने का कार्यक्रम तय किया गया है, जिससे न सिर्फ भारत को 2036 में ओलिंपिक की मेजबानी मिले बल्कि उसमें कबड्डी को भी शामिल किया जाए। वर्ष 1936 के ओलिंपिक में कबड्डी प्रदर्शन के तौर पर शामिल था।
क्रीड़ा भारती के एक पदाधिकारी के अनुसार, जरूरी है कि यह खेल न सिर्फ देश में लोकप्रिय हो, बल्कि विदेश के कई देशों में यह नियमित खेल का हिस्सा बने।
उन्होंने बताया कि 26 से 28 दिसंबर तक कर्णावती (अहमदाबाद) में संगठन के राष्ट्रीय अधिवेशन में स्वदेशी खेल कबड्डी को लेकर भविष्य की रूपरेखा तय की जाएगी। इस अधिवेशन में संगठन के जिला स्तर के पदाधिकारियों के साथ कई अर्जुन व द्रोणाचार्य अवार्डी भी शामिल होंगे।
कबड्डी पूरे देश में लोकप्रिय है। इसे विभिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। यह 5000 वर्ष पुराना स्वदेशी खेल है, जिसे भगवान कृष्ण भी खेला करते थे।
क्रीड़ा भारती के दिव्यांग आयाम के संयोजक राकेश गोस्वामी के अनुसार, संगठन की गतिविधियां 554 जिलों में है। वहां के साथ ही सभी जिलों में 100-110 टीमें तैयार की जाएगी, जिसमें 10 वर्ष से लेकर 35 वर्ष से अधिक उम्र के चार वर्ग होंगे। इन टीमों में जिलास्तर पर प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी।
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