Experiment: दृष्टिबाधितों के लिए टेक्नोलॉजी का कमाल, DU के छात्रों का 'साइन स्पीक' करेगा मदद
दक्षिणी दिल्ली के कृति और हिमांशु ने दृष्टिबाधितों के लिए एआई आधारित साइन स्पीक सॉफ्टवेयर बनाया है। यह सॉफ्टवेयर योलो वी 11 तकनीक से ऑब्जेक्ट पहचानता है और गूगल जैमिनी से टेक्स्ट को स्पीच में बदलकर सुनाता है। आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज में छात्रों ने इसका प्रोटोटाइप दिखाया। प्रदर्शनी में 233 प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए गए जिसमें छात्रों ने अपनी अनुसंधान रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। कंप्यूटर साइंस के छात्र कृति और हिमांशु यादव ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए एआई आधारित "साइन स्पीक" सॉफ्टवेयर तैयार किया है। यह योलो वी 11 ऑब्जेक्ट डिटेक्शन तकनीक से नजदीकी ऑब्जेक्ट की पहचान करेगा। इसके बाद गूगल जैमिनी टेक्स्ट रिकगनाइज करेगा और गूगल टेक्स्ट स्पीच कन्वर्टर उसे पढ़कर सुनाएगा। इस तरह दृष्टिबाधित लोग नजदीकी साइनबोर्ड पर लिखी जानकारी सुनकर जान सकेंगे। इस सॉफ्टवेयर को मोबाइल और चश्मों में भी इस्तेमाल करने की तैयारी है। आचार्य नरेंद्र देव कालेज के छात्रों ने इसका प्रोटोटाइप पेश किया।
सूत कातते छात्र भी नजर आए
मौका था दिल्ली विश्वविद्यालय के आचार्य नरेंद्र देव कालेज में मंगलवार को आयोजित हुई राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी "शोध उड़ान" का। इसमें स्नातक छात्रों ने अपनी अनुसंधान रचनात्मकता और प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में जहां साफ्टवेयर और तकनीक की मदद से बनाए गए प्रोजेक्ट दिखे, वहीं हथकरघा पर सूत कातते छात्र भी नजर आए।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की आराधना के साथ दीप जलाकर हुई। कॉलेज प्राचार्य प्रो. रवि टोटेजा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह केवल एक प्रदर्शनी नहीं, युवाओं की रचनात्मकता, कौशल और प्रतिभा दिखाने का मंच है। छात्रों की वैज्ञानिक सोच विकसित करना ही मकसद है।
मौके पर डीयू के डीन ऑफ कॉलेज प्रो. बलराम पाणि बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जबकि पीडीएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके बख्शी, आईएनएसए के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. रूप लाल और डीयू के संयुक्त डीन छात्र कल्याण प्रो. एके सिंह विशिष्ट अतिथि रहे। इस अवसर पर सार पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए 233 प्रोजेक्ट
कालिंदी कॉलेज से आईं इंदूजा ने बताया कि हिंदू कॉलेज में हम दाल में होने वाले कीड़ों के बिहेवियर पर रिसर्च कर उनसे निजात पाने के लिए जैविक उपाय तलाश रहे हैं। ये कीड़े दालों का काफी नुकसान करते हैं। इसके लिए नीम, हल्दी और लौंग से उपाय खोज रहे हैं।
इस प्रदर्शनी में छात्रों ने पोस्टर, प्रोटोटाइप, लाइव प्रदर्शन और इफोग्राफिक्स के माध्यम से अपने शोध कार्यों को प्रदर्शित किया। विभिन्न कालेदों से आए छात्रों ने करीब 233 प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। प्रदर्शनी के समापन पर विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कार और उत्कृष्टता प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।