Cash Discovery Row: जस्टिस यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
Justice Yashwant Verma Transferred जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से नकदी मिलने के मामले में विवाद के बीच उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने होली की रात आग लगने की घटना के बाद न्यायमूर्ति वर्मा के घर से नकदी मिलने के मामले में आंतरिक जांच के आदेश से अलग यह कदम उठाया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का उनके आधिकारिक आवास से नकदी मिलने के मामले में विवाद के बीच शुक्रवार को उन्हें उनके पैतृक इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) में स्थानांतरित कर दिया गया।
यह जानकारी एक सरकारी अधिसूचना में दी गई। विधि मंत्रालय ने उनके तबादले की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की।
Centre notifies the transfer of Justice Yashwant Varma, currently serving as a Judge of the Delhi High Court, to the Allahabad High Court.
— ANI (@ANI) March 28, 2025
Justice Varma has been directed to assume his position and take charge at the Allahabad High Court. pic.twitter.com/dNgdMtdgeL
सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने कही थी ये बात
इस सप्ताह की शुरुआत में उनके तबादले की सिफारिश करते हुए सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने कहा था कि यह कदम होली की रात आग लगने की घटना के बाद न्यायमूर्ति वर्मा के घर से नकदी मिलने के मामले में आंतरिक जांच के आदेश से अलग है।
इस बीच, प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा है कि जस्टिस वर्मा को फिलहाल कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपा जाए। इससे पहले सीजेआइ ने ऐसा ही आग्रह दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय से भी किया था, जिसके बाद जस्टिस वर्मा से न्यायिक और प्रशासनिक कामकाज वापस ले लिया गया था।
सरकार से की थी सिफारिश
गुरुवार को ही छह उच्च न्यायालयों की बार एसोसिएशन के अध्यक्षों ने सीजेआइ सहित कोलेजियम के पांच न्यायाधीशों से मिलकर जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश पर पुनर्विचार का आग्रह किया था। बार एसोसिएशनों का प्रतिनिधिमंडल इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की अगुआई में सीजेआइ व कोलेजियम के न्यायाधीशों से मिला था।
मुलाकात के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया था कि प्रधान न्यायाधीश ने उनकी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 20 और 24 मार्च को हुई बैठक में जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस भेजने का निर्णय लिया था और इस संबंध में सरकार से सिफारिश की थी।
इसके पहले ही नकदी प्रकरण उजागर हो चुका था। सीजेआइ संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास से बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से रिपोर्ट मांगी थी। उनकी रिपोर्ट देखने और जस्टिस वर्मा का जवाब मंगाए जाने के बाद सीजेआई ने गत 22 मार्च को जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी।
नोट: यह खबर एजेंसी और जागरण इनपुट के आधार पर प्रकाशित है।
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