इजराइल-ईरान में नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली में फ्रॉड, 100 से अधिक लोगों को लगाया चूना
दिल्ली के सुभाष प्लेस में एशिया ओवरसीज नामक एक कार्यालय खोलकर इजराइल और ईरान में नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों से एक करोड़ रुपये की ठगी की गई। ठगों ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को फंसाया और नकली वीजा और टिकट देकर धोखा दिया। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इजराइल व ईरान की कुछ कंस्ट्रक्शन कंपनियों में हेल्पर व इलेक्ट्रिशियन आदि की नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों से करीब एक करोड़ की ठगी करने का मामला सामने आया है।
लोगों को शक न हो इसके लिए ठगों ने सुभाष प्लेस स्थित पर्ल्स ओमेक्स टावर में एशिया ओवरसीज नाम से किराए पर कार्यालय खोल रखा था।
बिहार, यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, झारखंड व राजस्थान आदि राज्याें के 100 से अधिक लोगों से ठगी करने के बाद ठग कार्यालय खाली कर फरार हो गए। ठगी के लिए ठगों ने फर्जी नाम व नंबरों का इस्तेमाल किया था।
जिससे अब उनका कोई अता पता नहीं चल रहा है। पीड़ितों ने सुभाष प्लेस थाना पहुुंचकर लिखित शिकायत की है, लेकिन पुलिस ने अभी ठगों के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया है।
आजमगढ़ के रहने वाले पीड़ित बब्बन यादव का कहना है कि ठगों ने बीते अप्रैल में सुभाष प्लेस के पर्ल्स ओमेक्स टावर की आठवीं मंजिल पर एशिया ओवरसीज नाम से एक कार्यालय खोला था।
उसके बाद उन्हाेंने इंस्टाग्राम, फेसबुक समेत तमाम इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो अपलोड कर लोगों को इजराइल व ईरान की कुछ कंस्ट्रक्शन कंपनियों में गारंटी नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया।
वीडियो देखकर विभिन्न राज्यों के युवा ठगों के संपर्क नंबर पर काल कर उनके झांसे में फंसते चले गए। बातचीत करने के बाद सभी को पहली बार पासपोर्ट लेकर दिल्ली ऑफिस बुलाया गया और उनके पासपोर्ट जमा करा लिए गए।
आफिस में दो युवती समेत कुल पांच लोग थे। सभी ने पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम रख रखे थे। उन सभी के मोबाइल नंबर भी फर्जी नाम व पते पर थे।
प्रति व्यक्ति एक से डेढ़ लाख रुपये लेने के बाद ठगों ने उन्हें नकली आफर लेटर, नकली वीजा और फ्लाइट के नकली टिकट भी वाट्सएप पर भेज दिए।
विदेश जाने से पहले पिछले हफ्ते जब पीड़ित पासपोर्ट लेने ठगों के कार्यालय में पहुंचे तब कार्यालय बंद देखकर उनके होश उड़ गए। इसके बाद पीड़तों को ठगे जाने का अहसास हुआ। इसके बाद पीड़ितों ने थाने पहुंचकर लिखित शिकायत की।
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