JNU Election: 25 अप्रैल को होंगे छात्र संघ चुनाव, चार पदों के लिए इतने प्रत्याशी मैदान में
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। चुनाव समिति ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी है। अध्यक्ष उ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) चुनाव के लिए चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। मंगलवार को चुनाव समिति (EC) की विश्वविद्यालय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) के सदस्यों के साथ बैठक के बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी गई।
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए 29 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और सोमवार रात एबीवीपी और आइसा ने मशाल जुलूस निकालकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
अध्यक्ष पद के लिए 13, उपाध्यक्ष के लिए पांच, सचिव के लिए छह और संयुक्त सचिव के लिए पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। सूची जारी होते ही प्रक्रिया शुरू हो गई है। रात 11 बजे उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए विश्वविद्यालय आमसभा की बैठक आयोजित की गई।
25 अप्रैल को मतदान होगा
बुधवार को प्रेसिडेंशियल डिबेट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी अध्यक्ष पद के प्रत्याशी छात्रों के बीच अपने मुद्दे और वादे रखेंगे। 23 अप्रैल की रात प्रेसिडेंशियल डिबेट के साथ प्रचार का मौका मिलेगा। 25 अप्रैल को मतदान होगा और 28 अप्रैल को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
जेएनयू छात्र संघ चुनाव में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) व डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) के संयुक्त वामपंथी पैनल से नीतीश अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं, जबकि एबीवीपी से शिखा स्वराज, एसएफआई व बापसा पैनल से प्रमोद सागर, एनएसयूआई से प्रदीप ढाका मैदान में हैं।
इनके अलावा कुणाल कुमार, नीतीश कुमार, प्रेरित लोढ़ा, रोशन कुमार, सिद्धार्थ गौतम, सुमन, वर्के अविचल अमर शामिल हैं। उपाध्यक्ष पद की दौड़ में आकाश कुमार रवानी, मनीषा, मोहम्मद कैफ, निट्टू गौतम, संतोष कुमार हैं। सचिव पद के लिए अरुण प्रताप, कुणाल राय, मुन्तेहा फातिमा, रामनिवास गुर्जर, नीरज कुमार भारत व यारी नयाम आमने-सामने हैं।
संयुक्त सचिव पद के लिए नरेश कुमार, निगम कुमारी, रितिका, सलोनी खंडेलवाल, वैभव मीना मैदान में हैं। वहीं, दूसरा पैनल स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ), बिरसा मुंडे फुले अंबेडकर स्टूडेंट्स यूनियन (बाप्सा) और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन (पीएसए) का है। ये दोनों ही पैनल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ मैदान में हैं।
हंगामे के बाद बिगड़ी थी बात
16 और 17 अप्रैल को चुनाव के दौरान हंगामा हुआ था। नामांकन की तिथि बढ़ाने को लेकर छात्र आमने-सामने आ गए थे। इसके बाद चुनाव आयोग ने सुरक्षा की मांग करते हुए चुनाव स्थगित कर दिए थे। लेकिन, मंगलवार को जेएनयू प्रशासन के साथ लंबी चर्चा के बाद चुनाव कराने पर सहमति बन गई।

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