JNU की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी को मंत्रालय का नोटिस, जानिए क्यों हैं सवालों के घेरे में?
शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित से कुलपतियों के सम्मेलन में बिना अनुमति अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण मांगा है। मंत्रालय ने इस अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया है क्योंकि ऐसे आयोजनों में शामिल होने के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य है। यह सम्मेलन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन पर केंद्रित था। कुलपति की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

नई दिल्ली, पेट्र। शिक्षा मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित से एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण मांगा है।
सूत्रों के अनुसार, कुलपति बिना औपचारिक अनुमति लिए केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में शामिल नहीं हुईं।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने इस अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया है। ऐसे मामलों में कुलपतियों को पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होता है। सम्मेलन का निमंत्रण काफी पहले भेजा गया था। हालांकि, जेएनयू में उसी समय एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, फिर भी प्राथमिकता मंत्रालय द्वारा आयोजित सम्मेलन को दी जानी चाहिए थी।
शिक्षा मंत्रालय ने 10-11 जुलाई को गुजरात के केवड़िया में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया था। यह सम्मेलन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के पांच वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर आयोजित किया गया था।
इस सम्मेलन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रमुखों ने एक साथ आकर संस्थागत प्रगति की समीक्षा की और भविष्य की दिशा तय करने के लिए विचार-विमर्श किया। सम्मेलन का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों में एनईपी 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन और गुणवत्ता सुधार पर चर्चा करना था।
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कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित की ओर से इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से मांगे गए जवाब के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
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