JNU कुलपति ने प्रवेश परीक्षा की छात्रसंघ की मांग ठुकराई, कहा- डीन ने नहीं दी सहमति; CUET को बताया लोकतांत्रिक
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्रसंघ की प्रवेश परीक्षा की मांग को खारिज कर दिया है क्योंकि डीन सहमत नहीं हैं और सीयूईटी को अधिक लोकतांत्रिक बताया है। सीयूईटी में आरक्षित श्रेणी के छात्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। छात्रसंघ ने मांगों को पूरा न होने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है। उन्होंने पीएचडी प्रवेश के लिए जेएनयूईई को अनिवार्य करने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति ने छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) की खुद की प्रवेश परीक्षा से प्रवेश देने की मांग ठुकरा दी है। उन्होंने कहा, सभी केंद्रों के डीन ने सहमति नहीं दी है। उन्होंने सीयूईटी को अधिक लोकतांत्रिक बताया है।
कुलपति प्रो. शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कहा, उन्होंने पूर्व में भी छात्रसंघ से मुलाकात की है और जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को लेकर सभी डीन और चेयरपर्सन्स के साथ व्यापक चर्चा की थी। मैंने एक साल पहले सभी डीन से कहा था कि वे लिखित में दें कि उनकी स्कूल या केंद्र जेएनयूईई आयोजित कराने की जिम्मेदारी लेंगे। लेकिन, किसी ने भी लिखित में सहमति नहीं दी। कई डीन ने नेट और सीयूईटी के पक्ष में राय दी।
सीयूईटी परीक्षा को अधिक लोकतांत्रिक माना गया
कुलपति ने कहा कि सीयूईटी परीक्षा को अधिक लोकतांत्रिक माना गया, क्योंकि इसकी पहुंच व्यापक है और इसमें आरक्षित श्रेणी के छात्रों का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। छात्र संघ को दिए जवाब में उन्होंने कहा, डीन आफ एडमिशन ने आपके साथ तथ्य, आंकड़े और डेटा साझा कर समझाया कि सीयूईट अधिक समान अवसर देने वाली परीक्षा है।
उन्होंने छात्रसंघ के एक सदस्य द्वारा अकेले मिलने के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा, “आप सभी छात्रों के लिए मिलकर लड़ते हैं, इसलिए जेएनयूएसयू की एकता बनाए रखना जरूरी है। अगर आप पूरी टीम के साथ आएंगे तो मैं आपसे फिर मिलूंगी।
कुलपति ने एक जुलाई को मिलने का समय दिया
कुलपति ने बताया कि छात्रावासों से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए डीओएस और उनकी टीम से संपर्क किया जा सकता है क्योंकि विश्वविद्यालय में निर्णय प्रक्रिया विकेंद्रीकृत है। आपके मुद्दों पर डीओएस और डीओए और मेरे स्तर पर पहले ही विस्तार से चर्चा हो चुकी है। यदि आप चाहें तो हम फिर से एक बैठक कर सकते हैं। कुलपति के कहने के बाद छात्रसंघ ने मिलने की मांग रखी है। चारों पदाधिकारियों को कुलपति ने एक जुलाई को मिलने का समय दिया है।
मांगें मानने तक हड़ताल रहेगी जारी
जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि मांगें मानने तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा, कई केंद्र व स्कूल के डीन ने जेएनयूईई के पक्ष में राय दी है। कुलपति से मिलकर हम इस पर चर्चा करेंगे। पीएचडी व अन्य प्रवेश के लिए जेएनयूईई को अनिवार्य किया जाए और वायवा व साक्षात्कार का वेटेज घटाकर 10-15 प्रतिशत किया जाए।
पीएचडी शोधार्थियों को दी गई छात्रावास खाली करने की नोटिस वापस ली जाए और शोध पूरा होने तक छात्रावास आवास सुनिश्चित किया जाए। छात्रों के खिलाफ चलाई जा रही मनमानी प्राक्टोरियल जांचों को रद किया जाए। मासिक कंटिंजेंसी ग्रांट (एमसीएम) को पांच हजार किया जाए और इसे ‘तर्कसंगत’ करने के लिए बनी समिति को खत्म किया जाए।
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