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    क्या JNU में 'द साबरमती रिपोर्ट' की स्क्रीनिंग के दौरान हुआ पथराव? दिल्ली पुलिस ने किया साफ

    Updated: Thu, 12 Dec 2024 07:35 PM (IST)

    जेएनयू में द साबरमती रिपोर्ट की स्क्रीनिंग के दौरान पथराव की खबरें सामने आई हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है। डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने कहा है कि पथराव की कोई घटना नहीं हुई है और फिल्म की स्क्रीनिंग चल रही है। दूसरी ओर एबीवीपी अध्यक्ष राजेश्वर ने दावा किया है कि फिल्म शुरू होने के बाद साबरमती हॉस्टल की छत से पत्थर फेंके गए।

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    JNU में द साबरमती रिपोर्ट की चल रही स्क्रीनिंग।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में गुरुवार को फिल्म द साबरमती रिपोर्ट की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी। कहा जा रहा है कि इस दौरान छात्रों पर पथराव किया गया। डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि पथराव की कोई घटना नहीं हुई है और फिल्म की स्क्रीनिंग चल रही है। 

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    वहीं, एबीवीपी अध्यक्ष राजेश्वर ने बताया कि 'द साबरमती रिपोर्ट' फिल्म शुरू होने के आधे घंटे के बाद साबरमती हॉस्टल की छत के ऊपर से कुछ छोटे पत्थर फेंके गए थे। राजेश्वर के मुताबिक जब छात्र हॉस्टल गए तो पत्थर फेंकने बंद हो गए। दस मिनट बाद फिर पत्थर चलने लगे। छात्र कुछ समझ पाते इस बीच तीसरी बार भी पत्थर फेंके गए। छात्र भागकर साबरमती हॉस्टल पहुंचे तो दो-तीन लड़के वहां से भाग खड़े हुए। इसके बाद हॉस्टल के सुरक्षाकर्मी वहां तैनात कर दिए गए। राजेश्वर ने कहा कि इसकी शिकायत जेएनयू प्रशासन से की जाएगी।

    स्क्रीनिंग के दौरान अज्ञात लोगों द्वारा पथराव का आरोप

    अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है। एबीवीपी ने बयान में कहा कि जेएनयू में 'द साबरमती रिपोर्ट' की स्क्रीनिंग के दौरान अज्ञात लोगों द्वारा पथराव किया गया, जिससे सैकड़ों छात्रों और उपस्थित लोगों की जान को गंभीर खतरा पैदा हो गया। यह घटना केवल व्यक्तियों के एक समूह पर हमला नहीं है बल्कि अभिव्यक्ति, संवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्वतंत्रता पर हमला है जिसके लिए यह विश्वविद्यालय जाना जाता है।

    स्क्रीनिंग चर्चा शुरू करने की दिशा में कदम: एबीवीपी

    एबीवीपी ने कहा कि द साबरमती रिपोर्ट की स्क्रीनिंग सच्चाई को उजागर करने और हमारे देश के तथाकथित बौद्धिक अभिजात वर्ग द्वारा जानबूझकर चुप कराए गए विषयों पर चर्चा शुरू करने की दिशा में एक कदम था। हालांकि, यह घटना हमारे परिसर के भीतर कुछ भारत विरोधी, हिंदू विरोधी ताकतों की असहिष्णुता और असुरक्षा को दर्शाती है जो धर्म, धार्मिकता और सच्चाई के पुनरुत्थान से डरते हैं।

    ऐसे तत्व किसी भी आवाज को बर्दाश्त नहीं कर सकते: एबीवीपी

    छात्र संघ ने कहा कि ऐसे तत्व किसी भी आवाज को बर्दाश्त नहीं कर सकते जो उनके एजेंडे को चुनौती दे या उनके झूठ को उजागर करे। ये वही ताकतें हैं जो खुलेआम विभाजनकारी विचारधाराओं का समर्थन करती हैं, राष्ट्र-विरोधी नारों का महिमामंडन करती हैं और भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने के उद्देश्य से किसी भी पहल का विरोध करती हैं।

    भारत को तोड़नेवाली ताकतों को हराएंगे: एबीवीपी

    बयान में कहा गया कि एबीवीपी जेएनयू सभी को आश्वस्त करता है कि हम ऐसे कार्यक्रम आयोजित करना जारी रखेंगे जो एकजुट और समृद्ध भारत के लिए विचार, बहस और कार्रवाई को प्रेरित करते हैं। हम सब मिलकर इन राष्ट्र-विरोधी, धर्म-विरोधी और भारत को तोड़ने वाली ताकतों को हराएंगे।

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