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    दिल्ली में LG के आदेश के बाद मची भगदड़, रातोंरात गायब हुए रोहिंग्याई; इस राज्य की ओर भागे घुसपैठिये

    Updated: Thu, 12 Dec 2024 07:15 PM (IST)

    बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें उनके देश वापस भेजने के निर्देश देने के बाद खजूरी खास इलाके से संदिग्ध लोग रातों-रात गायब हो गए हैं। ये लोग उत्तर प्रदेश की ओर भाग गए हैं। पिछले दो जांच में इलाके में रह रहे 200 रोहिंग्या भी गायब हो गए हैं। बताया जा रहा है कि यूपी की सीमा इनके छिपने के लिए महफूज है। जानिए पूरी खबर।

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    एलजी सक्सेना के आदेश के बाद दिल्ली से गायब हो रहे रोहिंग्याई नागरिक।

    वीके शुक्ला, नई दिल्ली। उपराज्यपाल द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें उनके देश वापस भेजने के निर्देश देने के बाद इस मामले में बड़ा डेवलपमेंट यह सामने आया है कि खजूरी खास इलाके से सड़कों के किनारे झुग्गियाें में रह रहे कबाड़ बीनने वाले संदिग्ध लाेग रातों रात गायब हो गए हैं।

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    ये लोग उत्तर प्रदेश की लगती सीमा लोनी आदि की ओर चले गए हैं। इतना ही नहीं पिछले दाे जांच में इलाके में रह रहे 200 रोहिंग्या भी गायब हो गए हैं। इनके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। 

    सूत्रों का कहना है कि 2022 में रोहिंग्या की संख्या 1678 थी, मगर अब दिल्ली में इनकी संख्या 1047 रह गई है, अन्य कहां गए हैं किसी को पता नहीं है। वहीं उत्तरी पूर्वी जिले में इनकी संख्या 396 थी, मगर धीरे धीरे इनकी संख्या कम होकर 195 रह गई है।

    यूपी की सीमाओं को रहने के लिए मानते हैं महफूज जगह

    यहां बता दें कि इस इलाके में अक्सर ऐसे लोग देखे जाते रहे हैं जिनकी पहचान संदिग्य रही है। इससे पुलिस भी परेशान रहती है। इलाके के जागरुक लोगों द्वारा नजर रखने और पुलिस की सख्ती से बाहरी तत्व पकड़े जाते रहे हैं और कार्रवाई होती रही है। मगर उत्तर प्रदेश से लगती सीमाओं के चलते ये लोग इस इलाके को भी छिपने से लिए महफूज स्थान मानते हैं। ये लोग किसी न किसी प्रकार से अपने आधार कार्ड, आदि जरूरी दस्तावेज बनवा ले रहे हैं।

    इसी के आधार पर इन लोगों ने सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों के दाखिले दिला चुके हैं। सूत्रों की मानें ताे इस इलाके के सरकारी स्कूलों में इनमें से कई के बच्चे पढ़ते हैं। इलाके के राजीव नगर निगम स्कूल में ही 25 से अधिक बच्चों का दाखिला हाेने का मामला सामने आया है।

    गलत तरीके से आधार कार्ड बनवाने का जिक्र

    यह स्थिति तब है जब दिल्ली नगर निगम के उत्तरी जोन के सहायक शिक्षा निदेशक ने एक जून 2022 को एक पत्र खजूरी खास थानाध्यक्ष को लिखा था जिसमें उन्होंने रोहिंग्या द्वारा फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवा लेने का जिक्र किया था और इस मामले की जांच कर आधार कार्ड निरस्त किए जाने का अनुरोध किया था, उसके बाद कुछ के आधार कार्ड भी निरस्त किए गए थे।

    मगर बच्चों के दाखिले बंद नहीं हुए हैं।सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों के लिए 1997 में जारी हुए एक आदेश को आधार मान कर कुछ अफसर रोहिंग्या के बच्चाें के भी स्कूलाें में दाखिले करवा रहे हैं।नतीजतन यहां के स्कूलों में रोंहिंग्या के बच्चों की संख्या बढ़ रही है। इन बच्चों के परिजन अपने को देश का नागरिक बता रहे हैं।

    कई रोहिंग्याओं को पकड़वाने का दावा

    बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को देश से बाहर किए जाने के लिए पिछले कई साल से अभियान चला रहे भाजपा नेता आनंद त्रिवेदी की मानें तो इलाके के लोगों को पता ही नहीं था कि रोहिंग्या यहां आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई को कार्रवाई करवाकर पकड़वाया तो पता चला कि उनके बच्चे स्कूलों में भी पढ़ते हैं।

    उन्होंने कहा कि स्कूलों में जब शिकायत की तो स्कूलों के लोग इस बारे में सक्रिय हुए, मगर स्कूलों में इनके दाखिले नहीं रुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी आपत्ति है कि हमारे बच्चों के साथ रोहिंग्या के बच्चे स्कूलों में कैसे पढ़ रहे हैं, इनकी विश्वसनीयता संदिग्ध है। उन्हाेंने चेताते हुए कहा कि कल इनके बच्चे भी हमारे बच्चों के साथ पढ़ लिखकर अधिकारी बनेंगे जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनेंगे।

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