JNU कैंटीन विवाद में छात्रों की जीत, मुगल दरबार कैंटीन फिर से शुरू; विवादित कर्मचारियों को हटाने का आश्वासन
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की मुगल दरबार कैंटीन जो छात्रों और स्टाफ के बीच विवाद के बाद बंद हो गई थी अब फिर से खुल गई है। कैंटीन मालिक ने माफी मांगी है और विवादित कर्मचारियों को हटाने का आश्वासन दिया है। छात्र समुदाय ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कैंटीन मानिटरिंग सिस्टम लागू करने का आग्रह किया है ताकि भोजन की गुणवत्ता और कर्मचारियों के व्यवहार की निगरानी की जा सके।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की मुगल दरबार कैंटीन, जो पिछले शुक्रवार से बंद थी, अब फिर से खोल दी गई है। कैंटीन में खाने की गुणवत्ता और बिल भुगतान को लेकर छात्रों और स्टाफ के बीच हुए विवाद ने हाथापाई का रूप ले लिया था।
इसके बाद जेएनयू छात्र संघ के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कैंटीन पर ताला लगा दिया था, जिससे यह मुद्दा पूरे कैंपस में चर्चा का विषय बन गया। वैभव मीणा ने बताया कि कैंटीन मालिक ने छात्रों से औपचारिक माफी मांगी है और जिन कर्मचारियों पर मारपीट के आरोप हैं, उन्हें हटाने का आश्वासन दिया है।
मीणा ने कहा, “हम इस मामले को केवल एक घटना तक सीमित नहीं रखेंगे। मैं कैंपस डेवलपमेंट समिति के संयोजक से मुलाकात कर परिसर में संचालित सभी ढाबों और कैंटीनों की स्थिति, स्वच्छता और अनुशासन की समीक्षा करवाऊंगा।”
छात्र समुदाय का कहना है कि यह मामला केवल एक कैंटीन तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय परिसर में भोजन की गुणवत्ता, उचित मूल्य और कर्मचारियों के व्यवहार की नियमित निगरानी की आवश्यकता को उजागर करता है।
कई छात्रों ने सुझाव दिया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को एक “कैंटीन मानिटरिंग सिस्टम” लागू करना चाहिए, जिसमें छात्र प्रतिनिधि भी शामिल हों। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से फिलहाल इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन, सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है।
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