जेएनयू की लाइब्रेरी में फेशियल रिकग्निशन गेट लगाए जाने पर बवाल, छात्रसंघ अध्यक्ष घायल
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चेहरे की पहचान वाले गेट लगाने पर विवाद बढ़ गया है। छात्रों के विरोध के बावजूद पुस्तकालय प्रशासन ने ठेकेदारों को काम जारी रखने दिया जिससे छात्रों को प्रवेश से रोका गया। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष नितीश और मणिकांत ने जबरन प्रवेश कर कार्य रुकवाने की कोशिश की और घायल हो गए।

जागरण संवाददाता नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में बीआर अंबेडकर केंद्रीय पुस्तकालय के प्रवेश पर चेहरे की पहचान (फेशियल रिकग्निशन) वाले गेट लगाए जाने को लेकर विवाद तेज हो गया है।
दो दिन से विरोध कर रहे छात्रों की मांगों को दरकिनार करते हुए कार्यवाहक पुस्तकालयाध्यक्ष मनोरमा त्रिपाठी ने ठेकेदारों को काम जारी रखने की अनुमति दे दी। इस दौरान छात्रों को पुस्तकालय में प्रवेश तक नहीं दिया गया और अंदर-बाहर के दोनों गेट सील कर दिए गए।
स्थिति बिगड़ने पर जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष नितीश और मणिकांत ने जबरन प्रवेश कर कार्य रुकवाने की कोशिश की, इसी दौरान कांच के टुकड़ों से उनके पैरों में चोटें आईं।
आरोप है कि पुस्तकालय प्रशासन ने दिल्ली पुलिस को बुलाकर आंदोलनरत छात्रों को डराने का प्रयास किया। छात्रसंघ ने इसे छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला करार देते हुए बीआर अंबेडकर पुस्तकालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
जेएनयूएसयू ने स्पष्ट मांग रखी है कि छात्रों की मूल आवश्यकताएं पूरी की जाएं। पुस्तकालय में पर्याप्त बैठने की जगह उपलब्ध कराई जाए और शैक्षणिक जरूरतों के लिए निधि आवंटित हो, न कि निगरानी तंत्र पर खर्च किया जाए। जेएनयू की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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