साइकिल से तय की 300 KM की दूरी, दो बहनों ने 'डोल का बध' जंगल बचाने के लिए जयपुर से पहुंची दिल्ली
जयपुर की दो छोटी बहनें सावी और भाव्या साइकिल से 300 किलोमीटर की यात्रा करके दिल्ली पहुंचीं। वे प्रधानमंत्री से मिलकर डोल का बध जंगल को बचाने की गुहार लगाना चाहती थीं। उनका कहना है कि विकास के नाम पर जंगल काटा जा रहा है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। उन्होंने जंगल को बचाने का संकल्प लिया है और इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पर्यावरण संरक्षण की अलख अब बच्चे भी जगाने लगे हैं। जयपुर की दो नन्हीं बहनों ने वह कर दिखाया, जिसकी कल्पना बड़े भी मुश्किल से कर पाते हैं। 13 वर्षीय सावी और 7 वर्षीय भाव्या ने साइकिल से 300 किलोमीटर लंबा सफर तय कर दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की मांग की। उनका उद्देश्य सिर्फ एक था जयपुर के डोल का बध जंगल को बचाना।
डोल का बध, जयपुर के दक्षिणी हिस्से में लगभग 100 एकड़ में फैला घना जंगल है, जो भूजल रिचार्ज, बाढ़ नियंत्रण और जैव विविधता के संरक्षण में अहम भूमिका निभाता है। यहां 85 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां, मोर, नीलगाय और कई दुर्लभ जीव पाए जाते हैं। लेकिन विकास परियोजनाओं के नाम पर पिछले कुछ वर्षों से इस जंगल का बड़ा हिस्सा काटा जा चुका है।
सावी ने बताया कि उन्हें 9 साल की उम्र से ही इस खतरे का अहसास हो गया था। तभी से उन्होंने जंगल बचाने का संकल्प लिया और अब छोटी बहन भाव्या भी इस मुहिम में उनके साथ है। दोनों बहनों ने लगातार 12 दिन तक प्रतिदिन 25-30 किलोमीटर पैडल मारकर यह यात्रा पूरी की। हालांकि प्रधानमंत्री से सीधी मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन उनका संदेश साफ है जब तक जंगल सुरक्षित नहीं होगा, यह संघर्ष जारी रहेगा।
इनके अलावा डोल का बध बचाओ आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भी सरकार से मांग की कि जंगल में पेड़ों की कटाई तुरंत रोकी जाए, वैकल्पिक विकास योजनाओं पर विचार किया जाए और किसी भी निर्माण से पहले स्वतंत्र समिति की निगरानी सुनिश्चित की जाए।
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