जेएनयू के मुगल दरबार कैंटीन में छात्रों और स्टाफ की बीच हुई कहासुनी, विवाद के लगा दिया गया ताला
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कैंटीन संचालन को लेकर छात्रों और स्टाफ के बीच विवाद हो गया। मुगल दरबार कैंटीन में खाने की गुणवत्ता और बिल भुगतान पर कहासुनी मारपीट तक पहुंची। जेएनयू छात्र संघ ने कैंटीन पर ताला लगा दिया। छात्रों ने पुराने खाने परोसने का आरोप लगाया है जबकि कैंटीन मालिक ने माफी मांगी है और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कैंटीन संचालन को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा गया है। शुक्रवार देर रात विश्वविद्यालय परिसर स्थित मुगल दरबार कैंटीन में खाने की गुणवत्ता और बिल भुगतान को लेकर छात्रों और स्टाफ के बीच कहासुनी हुई, जो मारपीट तक पहुंच गई। इसके बाद जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कैंटीन पर ताला लगा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद की शुरुआत बिल भुगतान को लेकर हुई, लेकिन मामला खाने की गुणवत्ता और साफ-सफाई पर उठे सवालों तक बढ़ गया। छात्रों का आरोप है कि कैंटीन में तीन दिन पुराना वेज और नान वेज खाना परोसा जा रहा था। वहीं कैंटीन स्टाफ पर बदतमीजी और मारपीट के आरोप भी लगे।
एबीवीपी और आइसा का टकराव
मामला यहीं नहीं रुक, आरोप है कि विवाद बढ़ने पर एबीवीपी और आइसा से जुड़े छात्र भी मौके पर पहुंच गए और माहौल गरमा गया। वैभव मीणा का कहना है कि कैंटीन के संचालन का कोई लाइसेंस नहीं है और विश्वविद्यालय के संसाधनों का बिना अनुमति इस्तेमाल हो रहा है। जब तक लाइसेंस, रेट लिस्ट और शुद्धता की जांच नहीं होगी, कैंटीन व ढाबे नहीं खुलने देंगे। उन्होंने जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष नीतीश कुमार पर स्टाफ के पक्ष में खड़े होने का आरोप भी लगाया।
दूसरी ओर, छात्र संघ अध्यक्ष नीतीश कुमार का कहना है कि एबीवीपी से जुड़े छात्र कैंटीन में खाना खा रहे थे, बिल को लेकर विवाद हुआ और इसमें कैंटीन के तीन कर्मियों को चोट लगी। वैभव मीणा ने समर्थकों के साथ पहुंचकर ताला लगाया और अभद्र भाषा बोली। हम प्रशासन से जांच की मांग करते हैं और ताला खुलवाकर रहेंगे।
कैंटीन मालिक की माफी
विवाद के बीच मुगल दरबार के मालिक तौसीफ आलम ने जेएनयू समुदाय को पत्र लिखकर स्टाफ के व्यवहार पर खेद जताया और माफी मांगी। उन्होंने कहा, स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई होगी, भविष्य में ऐसी घटना नहीं दोहराई जाएगी। इस विवाद में कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं है।
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