Krishna Janmashtami: कृष्ण जन्माष्टमी आज, दिल्ली में दिखेगा भक्ति और भव्यता का अनोखा संगम
दिल्ली में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिरों में विशेष सजावट और झांकियां लगाई गई हैं। बिड़ला मंदिर में शोभायात्रा निकलेगी और इस्कान मंदिर में 200 किलो का केक काटा जाएगा। कालकाजी और झंडेवालान मंदिर में भी विशेष आयोजन होंगे। बिड़ला मंदिर में महाआरती और 56 भोग का प्रसाद वितरित किया जाएगा। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। धर्म की पुनः स्थापना के लिए अवतरित हुए भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव इस बार राजधानी में भक्ति, श्रद्धा और भव्यता के अद्वितीय संगम के रूप में मनाया जाएगा।
मंदिरों में कान्हा के भजन गूंजेंगे, झांकियों में द्वारकाधीश की लीलाएं जीवंत होंगी और रास-लीला के रंग पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना देंगे। शनिवार को जन्माष्टमी होने वाले आयोजन के लिए सुरक्षा से लेकर सजावट तक हर स्तर पर खास इंतजाम किए गए हैं।
लक्ष्मीनारायण मंदिर (बिड़ला मंदिर) में इस बार का जन्माष्टमी उत्सव पहले से अधिक आकर्षक और सुव्यवस्थित होगा। मंदिर प्रशासन और पुलिस ने मिलकर ऐसे प्रबंध किए हैं कि भक्त निर्बाध रूप से दर्शन कर सकें।
15 अगस्त की रात 8 बजे यहां से भव्य शोभायात्रा निकलेगी, जो गोल मार्केट होते हुए काली मंदिर तक जाएगी। मुख्य आयोजन 16 अगस्त को होगा, जिसके लिए 500 से अधिक वालंटियर्स को प्रशिक्षित किया गया है।
सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस बल और 70 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। द्वारका स्थित इस्कान मंदिर में 200 किलो का विशाल केक काटा जाएगा। यहां की सजावट और भव्य आरती भक्तों के लिए विशेष आकर्षण होंगी।
कालकाजी मंदिर में रंगोली से सजावट की जाएगी, जबकि झंडेवालान मंदिर में फूलों की महक से वातावरण अनुपम बनेगा। दिल्ली के लगभग सभी प्रमुख मंदिरों में आकर्षक लाइटिंग और थीम-आधारित सजावट की गई है, जो रात में दर्शनीय दृश्य प्रस्तुत कर रही है।
इनके अलावा सड़कों पर भी रंग बिरंगी लाइटिंग की गई है। गुफा वाला मंदिर, काली माता मंदिर और नीलम माता मंदिर में विशेष सजावट की गई है।
शनिवार को बिड़ला मंदिर में सुबह 4 बजे महाआरती होगी, दिनभर सांस्कृतिक कार्यक्रम और नृत्य प्रस्तुतियां होंगी। वृंदावन, दक्षिण भारत और दिल्ली के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से वातावरण को और भी भक्तिमय बनाएंगे।
रात 11 बजे से 12 बजे के बीच 7 से 8 वैदिक आचार्यों द्वारा महाभिषेक संपन्न कराया जाएगा। ठीक 12:30 बजे भक्तों को 56 भोग का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
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