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    Jamia Millia Islamia असम के चाय बागान श्रमिकों को बनाएगा सशक्त, ICSSR से मिला रिसर्च प्रोजेक्ट

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 05:42 PM (IST)

    जामिया मिल्लिया इस्लामिया असम के चाय बागान श्रमिकों को सशक्त बनाने के लिए 1.38 करोड़ रुपये के एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करेगा। ICSSR द्वारा वित्त पोषित यह परियोजना डिजिटल और गैर-डिजिटल कौशल विकास पर केंद्रित है। डॉ. काजी फिरदौसी इस्लाम परियोजना समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने कहा कि यह शोध श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

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    असम के चाय बागान श्रमिकों के कौशल विकास प्रभावों की जांच करेगा जामिया मिल्लिया इस्लामिया।

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया असम के चाय बागान श्रमिकों पर कौशल विकास प्रभावों की जांच करेगा, ताकि इनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सशक्त किया जा सके।

    इसके लिए शिक्षा संकाय के शैक्षिक अध्ययन विभाग को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की ओर से 1.38 करोड़ रुपये का रिसर्च प्रोजेक्ट मिला है।

    जिसका शीर्षक "डिजिटल और गैर-डिजिटल कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से असम की चाय जनजातियों का सशक्तिकरण" है। डा. काजी फिरदौसी इस्लाम को परियोजना समन्वयक नियुक्त किया गया है।

    कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने कहा कि असम की चाय जनजातियों से एकत्रित प्रत्यक्ष आंकड़ों से प्राप्त निष्कर्ष उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने, आजीविका के अवसरों में सुधार लाने और उनकी कार्य-प्रणालियों की गहन जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

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    साथ ही इन समुदायों के जीवन, परंपराओं और अनुभवों के समृद्ध, विशिष्ट और मूल्यवान सामाजिक-सांस्कृतिक आयामों पर भी प्रकाश डालेंगे।

    वहीं कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट पूर्वोत्तर पर शोध अध्ययनों को आगे बढ़ाने में जामिया की गहरी रुचि को बढ़ावा देगा।

    ज्ञात हो कि विगत आठ जुलाई को कुलपति प्रो. आसिफ व कुलसचिव प्रो. रिजवी ने जामिया में पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए 400 बिस्तरों वाले छात्रावास के निर्माण पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. सुकांत मजूमदार संग बैठक की थी।

    केंद्रीय मंत्री ने इस परियोजना के लिए अपना पूर्ण समर्थन और समर्थन देने का आश्वासन दिया है।

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