दिल्ली-NCR के करोड़ों लोगों के लिए राहत की खबर, SAFAR ने जताया अनुमान, पराली का धुआं इस बार कम करेगा परेशान
सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (Safar) ने आकलन जारी करते हुए कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार अक्टूबर कम प्रदूषित रह सकता है। वक्त पर मानसून की विदाई एंटीसाइक्लोनिंग सर्कुलेशन बनना दीवाली का जल्दी आना और ठंड में देरी इसके प्रमुख कारण है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के बीच केंद्र सरकार की एजेंसी SAFAR (सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) ने अबकी बार पराली की धुएं से कुछ राहत मिलने का अनुमान जताया है। आकलन रिपोर्ट जारी कर सफर ने कहा है कि पिछले साल की तुलना में इस बार अक्टूबर और नवंबर कम प्रदूषित रह सकते हैं।
समय पर मानसून की विदाई का असर
इसकी प्रमुख वजह मानसून का वक्त पर जाना, इसकी विदाई के बाद एंटीसाइक्लोनिंग सर्कुलेशन बनना, दीवाली का जल्दी आना और अभी ठंड भी बहुत न होना है। सफर के मुताबिक इस बार समय पर मानसून का जाना राजधानी के लिए एक अच्छा संकेत है। इस वजह से ही अक्टूबर के पहले सप्ताह के प्रदूषण स्तर में खास फर्क नहीं पड़ा। मानसून जाने के बाद बनने वाले एंटीसाइक्लोनिंग सर्कुलेशन की वजह से प्रदूषक तत्वों को जमने का मौका मिल जाता है। पिछले साल ऐसी ही स्थिति बनी थी।
पिछले साल के मुकाबले इस बार स्थिति बेहतर
मगर इस साल मानसून जाने के बावजूद इस बार मौसम गर्म बना हुआ है। ऐसे में आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण बढ़ना शुरू तो हो सकता है, लेकिन फिलहाल यह बहुत अधिक नहीं बढ़ेगा। 10 अक्टूबर से प्रदूषण खराब श्रेणी में पहुंच सकता है। सफर के मुताबिक 2021 की तरह राजधानी में अक्टूबर के अंत तक प्रदूषण का भारी धुंआ नहीं दिखेगा। दिवाली भी इस साल पहले आ रही है। यह 24 अक्टूबर को है। ऐसे में उस समय पर बहुत अधिक ठंड नहीं होगी। इसकी वजह से प्रदूषकों को ठहरने के लिए अधिक समय नहीं मिलेगा और वह तेजी से हवा के साथ छंटता रहेगा।
गंभीर श्रेणी के प्रदूषण से राहत
इसी तरह पराली को लेकर भी सफर ने आंकलन जारी किया है। सफर के मुताबिक यदि पराली जलाने की घटनाएं अक्टूबर के अंत तक चरम पर पहुंचती है और पराली जलाने के मामले 2021 की तुलना में आधे रहते हैं तो इस साल गंभीर श्रेणी के प्रदूषण वाला एक भी दिन नहीं मिलेगा। इस बार अक्टूबर-नंवबर में प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर ही रह जाएगा। यह 390 के ऊपर जा सकता है।
इन दोनों माह में सबसे अधिक बेहद खराब स्तर के दिन ही रहेंगे। वहीं यदि पराली जलाने के मामले 30 नवंबर तक जारी रहे और यह 80 हजार से अधिक हुए तो उस स्थिति में राजधानी को इन दोनों माह में छह से आठ दिन तक गंभीर श्रेणी के प्रदूषण का सामना करना पड़ सकता है। इस सूरत में भी राजधानी को सबसे अधिक दिन गंभीर नहीं बल्कि बेहद खराब स्तर के ही मिलेंगे।
पिछले छह साल में दीवाली के दिन वायु प्रदूषण की स्थिति
वर्ष : एयर इंडेक्स
10 अक्टूबर 2016- 431
19 अक्टूबर 2017- 319
7 नवंबर 2018 - 281
27 अक्टूबर 2019- 337
14 नवंबर 2020 - 414
4 नवंबर 2021 - 462
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