Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जागरण Exclusive: 'केंद्र ने G20 के लिए एक पैसा नहीं दिया', आतिशी ने मुश्किल सवालों के बेबाकी से दिए जवाब

    By V K ShuklaEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 02:46 PM (IST)

    देश की राजधानी दिल्ली कई बार राजनीति का अखाड़ा बन जाती है। दिल्ली में खासकर राजनिवास और चुनी हुई सरकार के बीच टकराव लंबे समय से चलते आ रहा है। चाहे भ्रष्टाचार पर वार हो या बाढ़ का कहर या जी-20 की तैयारी सरकार व राजनिवास के बीच एक-दूसरे को नीचा दिखाने और श्रेय लेने की होड़ अब जनता को भी नागवार गुजरने लगी है।

    Hero Image
    पीडब्लूडी मंत्री आतिशी मार्लेना। फोटो- चंद्र प्रकाश मिश्र

    नई दिल्ली, वीके शुक्ला। दिल्ली कहने को तो देश की राजधानी है, लेकिन कई बार यह राजनीति का अखाड़ा ज्यादा लगने लगती है। खासकर राजनिवास और आप सरकार के बीच टकराव तो दिल्ली के लिए अभिशाप बन गया है। चाहे भ्रष्टाचार पर वार हो या बाढ़ का कहर या जी-20 की तैयारी, सरकार व राजनिवास के बीच एक-दूसरे को नीचा दिखाने और श्रेय लेने की होड़ अब जनता को भी नागवार गुजरने लगी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसी तनातनी के बीच जी-20 सम्मेलन की तैयारियों को लेकर दिल्ली की लोक निर्माण मंत्री आतिशी से वी के शुक्ला ने बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश...

    जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों को लेकर अभी कितना काम बचा है?

    बरात आने तक तैयारी चलती रहती है, वही हो रहा है। काम पूरा हो चुका है, छोटी-मोटी कोई टूट-फूट बची है तो ठीक किया जा रहा है। दिल्ली अतिथियों के लिए तैयार है।

    जी-20 में दिल्ली सरकार ने अपना कितना पैसा खर्च किया है और दिल्ली सरकार ने नगर निगम को इसके लिए कितना फंड जारी किया है?

    जी-20 के लिए दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से अपना पैसा खर्च किया है। आज तक केंद्र ने हमें जी-20 के लिए एक पैसा नहीं दिया है। हमने 927 करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन कुछ नहीं मिला। हमने यह सोचकर इसे मुद्दा नहीं बनाया कि इसका देश पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। भाजपा और एलजी कह रहे हैं कि उन्होंने सब कुछ किया है। यह उनके अहंकार को दर्शाता है। नगर निगम को दिल्ली सरकार ने जी-20 के लिए पैसा नहीं दिया है, नगर निगम ने अपना पैसा खर्च किया है।

    एलजी वीके सक्सेना ने कहा है कि दिल्ली सरकार के मंत्री कभी भी जी-20 की बैठकों में शामिल नहीं हुए, मुख्यमंत्री भी एक बैठक में शामिल हुए हैं?

    यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि वह ऐसा कह रहे हैं। सच्चाई यह है कि पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में मुझे कभी भी किसी बैठक या निरीक्षण के लिए नहीं बुलाया गया। उन्होंने बैठकों या एमसीडी क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान महापौर को भी नहीं बुलाया है। अगर उन्होंने बुलाया होता तो मैं जरूर जाती। अधिकारी हमें बैठकों के बारे में बताते थे और हम उन्हें अनुमति देते थे। मुझे कभी भी किसी बैठक या निरीक्षण के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। हमने पूरा प्रयास किया है। हमारे सभी अधिकारी काम पर हैं।

    क्या आप ऐसा मानती हैं कि जी-20 के दौरान समन्वय की कमी रही है?

    अगर उन्होंने हमें तैयारियों में शामिल किया होता, तो हम निश्चित रूप से बेहतर प्रदर्शन करते। मैं बिना बुलाए बैठकों या निरीक्षण के लिए नहीं जा सकती थी। फिर भी लोक निर्माण विभाग ने सर्वश्रेष्ठ बागवानी कार्य और सर्वश्रेष्ठ ब्रांडिंग की है।

    भाजपा का सवाल है कि मंत्री अब दौरा कर रहे हैं, जी-20 की तैयारी में दिल्ली सरकार की भूमिका क्या है, आपका क्या कहना है?

    सब कुछ देखकर भी भाजपा यदि यह सवाल कर रही है तो यह आश्चर्यजनक है। भाजपा के लोगों से कह दीजिए प्रगति मैदान के से लेकर राजघाट तक घूमकर देख लें, उन्हें सभी जगह दिल्ली सरकार का काम नजर आ जाएगा और उनका भ्रम दूर हो जाएगा। कई स्थानों पर गमलों पर भी पीडब्ल्यूडी लिखा भी नजर आ जाता है। सभी जगह दिल्ली सरकार का काम दिख रहा है। जहां तक दौरे की बात है तो भाजपा को इससे बुरा क्यों लग रहा है, भले ही हमें एलजी ने बैठकों में नहीं बुलाया, पर हम शुरू से ही दिल्ली को बेहतर बनाने में जुटे हैं।

    भाजपा सवाल कर रही है कि दिल्ली सरकार यह बताए कि जी-20 को लेकर मुख्यमंत्री ने कितनी बैठकें की हैं?

    देखिए, कोई भी सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में काम करती है, पूरी टीम मुख्यमंत्री के नेतृत्व में काम करती है। हम लोगों ने जितना भी काम किया है, हमारे विभागों ने जितना भी काम किया है, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में काम किया है, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली को बेहतर किया गया है। भाजपा इस तरह की बात कैसे कह सकती है?

    शिवलिंग की आकृति के फव्वारे को लगाए जाने को लेकर विवाद हो रहा है। भाजपा कह रही है कि इसे लोक निर्माण विभाग ने लगाया है। आप क्या कहेंगी?

    शिवलिंग आकार के फव्वारे की स्थापना उस क्षेत्र में की गई है जो दिल्ली छावनी बोर्ड के अंतर्गत आता है, जो केंद्र के अधीन है। सारा पैसा एनएचएआइ द्वारा खर्च किया गया और एलजी की देखरेख में काम किया गया है। अब देखिए सड़क आपकी है, पैसा आपका है और काम भी आप करा रहे हैं, लेकिन अगर कुछ गलत होता है, तो यह पीडब्ल्यूडी की गलती है। जब उन्होंने फव्वारे लगवाकर गलती की और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, वह माफी मांग कर कह सकते थे कि यह जानबूझकर नहीं किया गया था। हर समय बात से पलटना और यह कहना कि यह पीडब्ल्यूडी की गलती है, संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।

    comedy show banner
    comedy show banner