Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जागरण Exclusive: 'दिल्ली के हित में नहीं सरकार-राजनिवास का टकराव', तीखे सवालों के एलजी ने दिए बेबाक जवाब

    By sanjeev GuptaEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 09:28 AM (IST)

    Jagran Exclusive दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी का दौर जारी है। जी-20 के मद्देनजर शनिवार को एलजी वीके सक्सेना से काफी लंबी बातचीत की गई। एलजी वीके सक्सेना से सरकार के साथ टकराव को लेकर कई तीखे सवाल पूछे गए जिनके उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए हैं। प्रस्तुत हैं एलजी वीके सक्सेना से हुई इस बातचीत के मुख्य अंश।

    Hero Image
    दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से जागरण की खास बातचीत।

    नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। दिल्ली कहने को तो देश की राजधानी है, लेकिन बहुत बार यह राजनीति का अखाड़ा ज्यादा लगने लगती है। खासकर राजनिवास और आप सरकार के बीच टकराव तो दिल्ली के लिए अभिशाप बन गया है।

    चाहे भ्रष्टाचार पर वार हो या बाढ़ का कहर या जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी, सरकार व राजनिवास के बीच एक दूसरे को नीचा दिखाने और श्रेय लेने की होड़ अब जनता को भी नागवार गुजरने लगी है। इसी तनातनी के बीच जी-20 के मद्देनजर संजीव गुप्ता ने शनिवार को एलजी वीके सक्सेना से काफी लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के मुख्य अंश-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जी-20 सम्मेलन के लिए खासकर नई दिल्ली क्षेत्र में सुंदरीकरण किया जा रहा है। यह सब सिर्फ सम्मेलन तक है या आगे भी दिल्ली को सुंदर रखने पर काम होगा?

    यह सब निरंतर जारी रहेगा। हमने सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि जो भी काम किया गया है, वह आगे भी बना रहना चाहिए। दो-चार दिन तक अधिकारियों को आराम देकर 16 सितंबर से हम लोग फिर दिल्ली को सुंदर बनाने में जुट जाएंगे। सड़कें ठीक की जाएंगी, फुटपाथ और चौराहे भी संवारे जाएंगे। पूरी दिल्ली हर समय किसी भी अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए तैयार नजर आएगी। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली में ऐसा बुनियादी ढांचा होना चाहिए जो उसे एक सप्ताह के नोटिस पर जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजन की मेजबानी करने में उसे सक्षम बनाए। पिछले दो महीनों में इस दिशा में काम किया गया। हम दिल्ली को इसी तर्ज पर विकसित करेंगे।

    नई दिल्ली क्षेत्र जैसा सुंदरीकरण दिल्ली के अन्य हिस्सों में क्यों नहीं दिखता?

    ऐसी कोई बात नहीं है। फिलहाल चूंकि जी-20 नई दिल्ली में ही होना है, इसलिए यहां पर ज्यादा काम हुआ नजर आ रहा है, लेकिन बाकी दिल्ली भी अछूती नहीं है। जैसे, जिन 26 होटलों में विदेशी मेहमान रहेंगे, उनमें 17 नई दिल्ली एवं शेष दिल्ली के अन्य इलाकों में हैं। ऐसे में वहां भी कुछ-कुछ काम चल रहा है। बाकी जैसा मैंने पहले कहा कि अब दिल्ली को बेहतर बनाने का यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा।

    एशियाड व राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दिल्ली को स्थायी तौर पर भी बहुत कुछ मिला था, लेकिन जी-20 में अस्थायी सुंदरीकरण ही नजर आ रहा है?

    एशियाड और राष्ट्रमंडल खेल और इस आयोजन में बहुत अंतर है। यह एक छोटे से क्षेत्र का कार्यक्रम है। हमारे पास समय भी ज्यादा नहीं था। सबसे बड़ी चुनौती तो सफाई की ही थी। 61 सड़कों से लगभग 15 हजार टन कचरा हटाया गया है। फुटपाथ बेहतर बनाने के साथ ही हरित क्षेत्र को भी समृद्ध किया गया है, लेकिन हमने फव्वारे व मूर्तियों जैसी कुछ स्थायी संपत्ति भी तैयार कराई हैं, जिन्हें लोगों से नष्ट न करने का आग्रह किया जा रहा है। कलाकृतियां व फव्वारे कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत फर्मों द्वारा उपहार में दिए गए हैं। बहुत सारी मूर्तियां और कलाकृतियां अब भी स्टाक में हैं, क्योंकि समय की कमी के कारण उनका उपयोग नहीं किया जा सका। इन कलाकृतियों का उपयोग शहर की अन्य सड़कों को सुंदर बनाने के लिए किया जाएगा।

    जी-20 तैयारी के मद्देनजर धौलाकुआं के पास लगाई गई शिवलिंग जैसी आकृतियों पर उठे विवाद पर आप क्या कहेंगे?

    एयरपोर्ट के रास्ते में लगाए गए फव्वारे राजस्थान के एक कारीगर द्वारा बनाई गई कलाकृतियां हैं, “शिवलिंग” नहीं। अगर कोई इसमें ‘शिवलिंग’ देखता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। भगवान तो वैसे भी कण-कण में बसते हैं, लेकिन इस पर विवाद बेबुनियाद है। मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा।

    जी-20 सम्मेलन के लिए हुए कार्यों पर श्रेय लेने की होड़ मची है। इसे आप कैसे देखते हैं?

    अगर आप सरकार हमारे काम का श्रेय लेना चाह रही है और ले रही है तो मुझे खुशी है कि हमारे काम को सराहा जा रहा है। वैसे एक सच यह भी है कि जी-20 का ज्यादातर काम या तो एनडीएमसी ने कराया है या फिर केंद्र सरकार ने। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया गया संदेश कि एलजी के नेतृत्व में दिल्ली और आप सरकार जी-20 के मेहमानों का स्वागत करने को तैयार है, बहुत कुछ सच बयां कर देता है। जो सच्चाई जनता देख रही है, उसे सीएम भी कैसे नकार सकते हैं। वैसे एक सच यह भी है कि केजरीवाल जी-20 से जुड़ी केवल एक बैठक में शामिल हुए थे और उनका कोई मंत्री तो एक बार भी किसी बैठक में शामिल नहीं हुआ।

    एलजी के रूप में आपको दिल्ली में एक साल से अधिक समय हो गया, आप इस अवधि को कैसे देखते हैं? -मैं अपने काम से संतुष्ट हूं। कुछ कर पाया हूं लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। सफर बहुत लंबा है। दिल्ली को सही मायनों में देश की राजधानी के रूप में तैयार करना है। मैं दिल्ली को एक बेहतर राजधानी बनाने के अपने ध्येय में पूरी ईमानदारी से प्रयास कर रहा हूं।

    दिल्ली सरकार तो कहती है कि आपने काम किए नहीं, बल्कि रोके हैं?

    मैं इससे कतई सहमत नहीं। पूर्व में भी दिल्ली में ऐसी ही व्यवस्था रही है, बल्कि पहले तो एलजी के पास और भी अधिक शक्तियां होती थीं, लेकिन टकराव कभी नहीं रहा। अब भी शोर-शराबा ज्यादा है, आरोप-प्रत्यारोप अधिक हैं, लेकिन काम उसी व्यवस्था के तहत चल रहा है।

    आपने दो परियोजनाओं पर काम शुरू किया था। कूड़े के पहाड़ खत्म करना और यमुना की सफाई, लेकिन दोनों ही पूरे नहीं हो पाए!

    इस बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। सरकार इन दोनों ही परियोजनाओं पर कोर्ट में चली गई, वहां से स्टे दे दिया गया। अब मैं कुछ भी करूंगा तो वह सीधे अदालत की अवमानना होगी, लेकिन मुझे निजी तौर पर इस बात का दुख है कि मुझे काम करने से रोक दिया गया।

    क्या सरकार और राजनिवास में लगातार चल रहा यह टकराव दिल्ली के हित में है?

    बिल्कुल नहीं। इससे दिल्लीवासियों का नुकसान ही हो रहा है, लेकिन मैं किसी को समझा ही सकता हूं, उसकी आदत या नेचर नहीं बदल सकता। इस सरकार की आदत ही हो गई है टकराव की। बड़ा दुख होता है यह देखकर कि यह सरकार न खुद काम करना चाहती है और न दूसरों को ही करने देना चाहती है।

    जी-20 के लिए दिल्ली को तीन दिन के लिए बंद किया गया है। सामान्य दिनों में भी दिल्ली में ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं की जाती कि यहां यातायात व्यवस्था ठीक हो और सड़कों पर जाम न लगे?

    हमने दिल्ली के बहुत छोटे से हिस्से को बंद किया है, वह भी इस तरह कि लोगों को ज्यादा परेशानी न हो। जब जी-20 टोक्यो में हुआ था तो कानून बनाकर पूरा शहर ही बंद कर दिया गया था। रही बात बेहतर यातायात व्यवस्था की तो दिल्ली में बहुनिकाय व्यवस्था और लचर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के चलते ऐसा कर पाना बहुत आसान नहीं है।

    बाजार बंद रखे जाने पर व्यापारी वर्ग में नाराजगी है। इस पर क्या कहेंगे?

    यह प्रतिबंध स्थानीय लोगों के हित में ही लगाए गए हैं, क्योंकि वहां गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों की भारी आवाजाही होने वाली है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इतना बड़ा आयोजन दिल्ली में हो रहा है, इसलिए इसकी सराहना करने की जरूरत है न कि शिकायत करने की कि इससे कारोबार पर असर पड़ेगा। शहर में आने वाले 40 देशों के प्रतिनिधियों से निकट भविष्य में राजधानी में कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।

    जी-20 सम्मेलन के लिए दिल्ली की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं या अभी कुछ बची हैं?

    98 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और आज-कल में ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। बचे हुए छिटपुट काम भी जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे। हमारा उद्देश्य आगंतुकों को ऐसा अनुभव प्रदान करना है कि वे कहें कि भारत से बेहतर कोई देश नहीं है।

    comedy show banner
    comedy show banner