1984 Anti Sikh Riots: टाइटलर के खिलाफ दर्ज बयान में पूर्व डीएसजीएमसी अध्यक्ष कहा, उनके पास पेनड्राइव के रूप में है अहम सुबूत
राउज एवेन्यू कोर्ट में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में गवाह मंजीत सिंह जीके के बयान दर्ज हुए। दावा किया कि उनके पास एक पेनड्राइव है जिसमें टाइटलर ने दंगों में अपनी भूमिका स्वीकार की है। अगली सुनवाई चार जून को होगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के बयान दर्ज किए गए।
यह गवाह दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके हैं, जिनके बयान दर्ज किए गए। अब मामले में अगली सुनवाई चार जून को होगी।
जीके का दावा, उनके पास पेनड्राइव में है टाइटलर का कुबूलनामा
विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह के समक्ष पेश हुए मंजीत सिंह ने दावा किया कि उन्हें एक Pendrive मिली है, जिसमें टाइटलर की आवाज की रिकाॅर्डिंग है, जिसमें उन्होंने दंगों में अपनी भूमिका कुबूल की है।
न्यायाधीश ने कहा कि मामला मंजीत सिंह जीके से आगे की जिरह के चरण में है। मामले की सुनवाई अब चार जून को होगी।
कोर्ट को बताया- 2018 में एक पत्र के साथ मिली थी पेनड्राइव
मंजीत सिंह ने अपने बयान के दौरान दावा किया कि वर्ष 2018 में उनके घर पर एक लिफाफा आया था, जिसमें एक पत्र और पेन ड्राइव था, जिसे उन्होंने बाद में मामले की जांच कर रही सीबीआइ को सौंप दिया। मंजीत सिंह ने कहा कि कोर्ट में मौजूद टाइटलर ने मामले में एक गवाह को धमकाया था।
यह मामला 1984 में राष्ट्रीय राजधानी के गुरुद्वारा पुल बंगश में तीन लोगों की हत्या से जुड़ा है। कोर्ट ने बीते वर्ष 13 सितंबर को टाइटलर के खिलाफ हत्या और अन्य अपराधों के आरोप तय किए थे।
एक गवाह ने दावा किया कि टाइटलर एक नवंबर, 1984 को गुरुद्वारे के सामने एक सफेद कार से बाहर आया और समुदाय के खिलाफ भीड़ को उकसाया, जिसके कारण हत्याएं हुई।
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