ITBP भर्ती परीक्षा लीक मामला: परीक्षा संचालन एजेंसी आइआइपी के तीन निदेशक समेत पांच गिरफ्तार
आईटीबीपी भर्ती परीक्षा लीक मामले में क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए परीक्षा संचालन एजेंसी के तीन निदेशकों समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें तीनों निदेशकों को कोलकाता से और दो अन्य को दिल्ली से पकड़ा गया है। यह मामला 2021 में दर्ज किया गया था जिसकी जांच क्राइम ब्रांच कर रही थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आइटीबीपी भर्ती परीक्षा लीक मामले में क्राइम ब्रांच ने परीक्षा संचालन एजेंसी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्री (आइआइपी) के तीन निदेशक सहित पांच आरोपितों को किया है।
बताया गया कि इनमें तीनों निदेशक को कोलकाता और दो अन्य को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। 2021 में इस मामले में लोधी कॉलोनी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसका क्राइम ब्रांच जांच कर रही थी। इस मामले में संभावित लिंक और अन्य आरोपितों के बारे में पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।
डीसीपी विक्रम सिंह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपिताें के नाम अमिताव राय, जयदीप गोस्वामी, सुभेंदु कुमार पाल, रोहित राय और धर्मेंद्र है। अमिताव राय, जयदीप गोस्वामी, सुभेंदु कुमार पाल भारतीय मनोमिति संस्थान, कोलकाता, बंगाल में निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
इनमें अमिताव राय, मेरुजीन हाउसिंग काम्प्लेक्स, रामचंद्रपुर, दक्षिण 24 परगना, कोलकाता का रहने वाला है। उसने बीएससी, स्नातकोत्तर व प्रबंधन में डिप्लोमा कर रखा है और 2015 में आइआइपी में निदेशक के रूप में ज्वाइन किया। जयदीप गोस्वामी, एस्ट्रोनाट्स एवेन्यू, बिधाननगर, दुर्गापुर, बंगाल का रहने वाला है। उसने बी.फार्मा व एमबीए कर रखा है। 2014 में वह आइआइपी में निदेशक के रूप में ज्वाइन किया था।
शुभेंदु कुमार पाल, पश्चिम बिरसा, ठाकुरपुकुर, कोलकाता का रहने वाला है। वह बीए पास है। 2016 में उसने आइआइपी में निदेशक के रूप में ज्वाइन किया। रोहित राज, जनकपुरी का रहने वाला है। बी.काम (आनर्स) कर रखा है। 2020 में उसने आइआइपी में सलाहकार के रूप में ज्वाइन किया। धर्मेंद्र, वशिष्ठ पार्क, दिल्ली का रहने वाला है। इसने भी बी.काम (आनर्स) कर रखा है और आइआइपी में प्रिंटर का काम देखता था। प्राथमिकी आइटीबीपी के कमांडेंट (भर्ती) कुशल कुमार ने कराई थी।
वहीं, शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि एवरग्रीन प्लाजा, 117 बैरकपुर ट्रंक रोड, कोलकाता, बंगाल स्थित मेसर्स इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइकोमेट्री (आइआइपी) को निविदा प्रक्रिया के माध्यम से आइटीबीपी में विभिन्न पदों के लिए लिखित परीक्षा का संचालन करने के लिए आउटसोर्स किया गया था।
अनुबंध की शर्तों के अनुसार, फर्म प्रश्न पत्रों की सेटिंग और प्रिंटिंग, छिद्रित ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं की डिजाइनिंग और लिखित परीक्षा का संचालन, ओएमआर शीट की स्कैनिंग, प्रश्न पत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षित पैकिंग और परिवहन, पूरी प्रक्रिया के दौरान उच्च स्तर की गोपनीयता बनाए रखने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार थी।
सिपाही (ट्रेड्समैन) पद के लिए लिखित परीक्षा 10 जनवरी 2021 की सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक 13 शहरों के 81 केंद्रों पर 46,174 उम्मीदवारों के लिए आयोजित की गई थी।
परीक्षा शुरू होने से पहले, प्रश्नपत्र वाट्सएप के माध्यम से प्रसारित किया गया था और आइटीबीपी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को भी प्राप्त हुआ था। परीक्षा शुरू होने के बाद, प्रश्नपत्र के वाट्सएप संस्करण का वास्तविक प्रश्नपत्र से मिलान किया गया। जिसमें पुष्टि हुई कि वे समान थे।
आइटीबीपी द्वारा की गई आंतरिक जांच में पाया गया कि प्रश्नपत्र वास्तव में लीक हो गया था और परीक्षा शुरू होने से पहले उम्मीदवारों के बीच व्यापक रूप से प्रसारित हो गया था। जांच के दौरान, आइटीबीपी और आरोपित कंपनी आइआइपी, दोनों से जवाब मांगे गए। अनुबंधों और समझौता ज्ञापनों सहित संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए। आइआइपी के कर्मचारियों से पूछताछ की गई।
एक कर्मचारी ने बताया कि निदेशक अमिताव राय और उनके सहयोगी इस उल्लंघन के लिए जिम्मेदार थे और जांच प्रक्रिया किसी अन्य कंपनी को आउटसोर्स कर दी गई थी।
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वहीं, नोटिस जारी किए जाने के बावजूद, निदेशक जांच में शामिल नहीं हुए। 19 सितंबर को जांच अधिकारी ने निदेशकों से मुलाकात कर पूछताछ की गई। जिसमें आरोपितों ने जांच को गुमराह करने का प्रयास किया और सहयोग नहीं किया।
एसीपी कैलाश चंद्र शर्मा व इंस्पेक्टर उमेश भारती की टीम ने 20 सितंबर को अमिताव राय, शुभेंदु कुमार पाल और जयदीप गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद दो अन्य को भी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।
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