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    दिल्ली की इन 15 सीटों पर केजरीवाल के लिए जीत नहीं होगी आसान, ओवैसी की एंट्री ने बढ़ाई AAP की टेंशन

    दिल्ली विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री से सत्तारूढ़ आप के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। ओवैसी की पार्टी 15 सीटों पर प्रत्याशी उतार रही है जिससे मुस्लिम बहुल इलाकों में आप की राह मुश्किल हो सकती है। कुरान शरीफ की बेअदबी का मुद्दा भी आप के लिए चुनौती बन गया है। क्या ओवैसी का दांव आप के लिए गले की फांस बनेगा? जानिए पूरी खबर।

    By V K Shukla Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 25 Dec 2024 05:30 PM (IST)
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    Delhi Election 2025: आप के लिए चुनौती बनती दिख रही ओवैसी की पार्टी।

    वीके शुक्ला, नई दिल्ली। Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: देश में मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाने वाले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ आप के लिए एक बड़ी चुनौती बनती नजर आ रही है।

    दिल्ली विधानसभा के लिए चुनावी मैदान में ओवैसी की पार्टी के 15 प्रत्याशी उतारने की संभावनाओं ने राजधानी में रोचक मुकाबले का मंच तैयार कर दिया है। वहीं, अब पवित्र कुरान शरीफ की बेअदबी का मामला उठाकर जिस तरह पार्टी आप को घेर रही है और उसने उसे महरौली से प्रत्याशी बदलने पर मजबूर कर दिया।

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    वह दर्शाता है कि यह मुद्दा भी आप के लिए गले की फांस बन सकता है। पिछले दो विधानसभा चुनावों से एकतरफा मुस्लिम मत हासिल कर रही आप के लिए यह स्थिति निस्संदेह असहज करने वाली है।

    ओवैसी की दिल्ली की 15 सीटों पर प्रत्याशी खड़े करने की रणनीति 

    ओवैसी ने बीते दिनों आप पार्षद रहे जेल में बंद दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से टिकट दिया है। एआईएमआईएम सूत्र बताते हैं कि पार्टी दिल्ली की 15 सीटों पर प्रत्याशी खड़े करने की रणनीति पर काम कर रही है।

    ये प्रत्याशी मुख्यतया मुस्लिम बहुल सीटों पर ही खड़े किए जाएंगे या ऐसी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे, जिनपर मुस्लिम अच्छा-खासा प्रभाव रखते हैं। ऐसे में इन सीटों पर पार्टी आप की राह मुश्किल कर सकती है, वहीं यह स्थिति कांग्रेस के लिए भी परेशानी पैदा करने वाली है।

    कभी कांग्रेस की रही गढ़, अब AAP के कब्जे में

    दिल्ली में मुस्लिम मतदाता करीब 15 प्रतिशत हैं, लेकिन छह सीटें सीलमपुर, मुस्तफाबाद, ओखला, मटियामहल, बल्लीमारान और बाबरपुर मुस्लिम बहुल हैं। पांच सीटों चांदनी चौक, सदर बाजार, त्रिलोकपुरी, सीमापुरी और किराड़ी में भी करीब 20 प्रतिशत आबादी के साथ मुस्लिम प्रभावी भूमिका में हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली ये सभी 11 सीटें फिलहाल आप के पास हैं।

    विगत बुधवार को मुस्तफाबाद में अपने प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा कर ओवैसी ने आप विधायक नरेश यादव द्वारा कुरान शरीफ की बेअदबी किए जाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से इस मुद्दे को हर मुस्लिम तक पहुंचाने की अपील की।

    महरौली सीट से महेंद्र चौधरी आप के उम्मीदवार

    महरौली से विधायक नरेश यादव (Naresh yadav) को पंजाब की अदालत ने कुरान शरीफ की बेअदबी के लिए दोषी ठहराया है और उन्हें दो साल की सजा सुनाई है। इसके बाद आप को इस सीट से अपना प्रत्याशी बदलना पड़ा और उसने नरेश यादव की जगह महेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन राजनीति के जानकार कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि ये मुद्दा सिर्फ इसी सीट पर आप को प्रभावित करेगा।

    जिस तरह से ओवैसी ने इसे एक बड़े मुद्दे के रूप में उठाया है और कांग्रेस व भाजपा भी इसे चुनाव में हाथ लगे हथियार के तौर पर ले रहे हैं, आप के लिए इससे पार पाना टेढ़ी खीर साबित होगा।

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