IRCTC घोटाले में Lalu Yadav और उनके परिवार पर आरोप तय करने का फैसला टला, कोर्ट ने CBI से मांगा स्पष्टीकरण
राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाले में लालू यादव और उनके परिवार पर आरोप तय करने का फैसला 13 अगस्त तक टाला। अदालत ने सीबीआई से कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं। मामला लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव में अनियमितता से जुड़ा है जिसमें पटना में जमीन के बदले ठेका देने का आरोप है। सीबीआई ने 2017 में प्राथमिकी दर्ज की थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने IRCTC Scam से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में आरोपितों पर आरोप तय करने पर फैसला 13 अगस्त तक के लिए टाल दिया है।
मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत अन्य पांच आरोपित हैं। इससे पहले अदालत ने पांच अगस्त को सुनवाई करते हुए आरोप तय करने के सवाल पर सात अगस्त के लिए फैसला टाल दिया था।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई से मामले में कुछ जरूरी स्पष्टीकरण मांगे। अब 13 अगस्त को कोर्ट के आदेश से ही यह तय होगा कि इस मामले में लालू परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चलेगा या नहीं।
ये पूरा मामला लालू प्रसाद यादव के वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान का है। आरोप है कि आईआरसीटीसी के दो होटलों, बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी के रखरखाव का ठेका विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली एक निजी फर्म सुजाता होटल को दिया गया था।
बदले में लालू के परिवार को पटना में एक जमीन मिली थी। सीबीआई का कहना है कि यह जमीन सिर्फ 1.5 करोड़ रुपये में दी गई, जबकि इसकी मार्केट कीमत कहीं ज्यादा थी। सीबीआई ने सात जुलाई 2017 को लालू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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