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    पूर्व DGP और CBI अधिकारी IPS प्रवीर रंजन बने CISF के डीजी, पढ़ाई में धांकड़ अधिकारी का गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 09:35 PM (IST)

    आईपीएस प्रवीर रंजन ने सीआईएसएफ के महानिदेशक का पदभार संभाला। एजीएमयूटी कैडर के 1993 बैच के अधिकारी रंजन अप्रैल 2024 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इससे पहले उन्होंने हवाई अड्डा सुरक्षा क्षेत्र का नेतृत्व किया। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पब्लिक मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री प्राप्त रंजन को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। उन्होंने आधुनिकीकरण और पारदर्शिता पर जोर दिया।

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    पूर्व DGP और CBI अधिकारी IPS प्रवीर रंजन बने CISF के डीजी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईपीएस प्रवीर रंजन ने मंगलवार को सीआईएसएफ के महानिदेशक का पदभार संभाल लिया। 1993 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी प्रवीर एजीएमयूटी कैडर से हैं। वे अप्रैल 2024 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। सीआईएसएफ के महानिदेशक के रूप में नियुक्ति से पहले उन्होंने संवेदनशील हवाई अड्डा सुरक्षा क्षेत्र का नेतृत्व करते हुए विशेष महानिदेशक के रूप में कार्य किया है।

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    आईपीएस रंजन के पास दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर डिग्री, उस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस प्रबंधन में मास्टर डिग्री, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पब्लिक मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलएम की डिग्री हासिल की है।

    32 वर्षों के अपने विशिष्ट करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इस दौरान वे दिल्ली पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त/अपराध और आर्थिक अपराध शाखा, सीबीआई में डीआईजी, और चंडीगढ़ में पुलिस महानिदेशक (2022 से 2024) रहे हैं। इसके बाद वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ में अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में शामिल हुए।

    आईपीएस रंजन को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (2016) और सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (2009) से सम्मानित किया गया है। वे सीआईएसएफ के 32वें महानिदेशक हैं।सीआईएसएफ मुख्यालय में आयोजित एक आंतरिक समारोह के दौरान उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया और बाद में उन्होंने बल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की।

    इस अवसर पर उन्होंने आधुनिकीकरण के माध्यम से बल को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने, कल्याण में करुणा और प्रशासन में पारदर्शिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। 

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