यूटी काडर के IPS पर लटकी कार्रवाई की तलवार, गृह मंत्रालय ने मेमोरेंडम जारी कर मांगा 30 दिन में जवाब
गृह मंत्रालय ने आईपीएस डॉ. जी रामगोपाल नाईक को अरुणाचल प्रदेश में ज्वाइन न करने पर मेमोरेंडम जारी किया है। उन्हें 30 दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। दिल्ली पुलिस से तबादले के बाद भी उन्होंने अरुणाचल प्रदेश सरकार को रिपोर्ट नहीं किया। मंत्रालय ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव रखा है और व्यक्तिगत सुनवाई का विकल्प भी दिया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यूटी काडर के 2017 बैच के आईपीएस डाॅ. जी रामगोपाल नाईक की ओर से अरुणाचल प्रदेश में प्रभार ज्वाइन नहीं करने पर गृह मंत्रालय ने मेमोरेंडम जारी किया है।
उन्हें 30 दिन के भीतर अपने बचाव में लिखित बयान प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। पिछले साल उनका तबादला दिल्ली पुलिस से अरुणाचल प्रदेश कर दिया गया था, लेकिन अब तक उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया है।
दिल्ली पुलिस से रिलीव किए जाने के 15 दिन के भीतर उन्हें अरुणाचल प्रदेश में नौकरी ज्वाइन करनी थी, लेकिन उन्होंने अरुणाचल प्रदेश सरकार को रिपोर्ट नहीं किया।
जिसके बाद वहां की सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर डॉ. जी रामगोपाल नाईक के अब तक न आने की जानकारी दी। करीब दस माह से अधिक समय से वह गृह मंत्रालय के किसी भी मेमोरेंडम का जवाब नहीं दे रहे हैं।
जिसके बाद गृह मंत्रालय के अनुशासनात्मक प्राधिकारी की ओर से बीते दिनों डाॅ. जी रामगोपाल नाईक के विरुद्ध अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन तथा अपील) नियम, 1969 के नियम आई के तहत एक जांच करने का प्रस्ताव रखा है।
डाॅ. जी रामगोपाल नाईक को निर्देश दिया गया है कि वे इस मेमोरेंडम की प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर अपने बचाव का लिखित बयान प्रस्तुत करें और यह भी बताएं कि क्या वह व्यक्तिगत रूप से सुनवाई चाहते हैं।
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