Delhi Crime: एमबीए पास कर बन गया नशीली दवाओं का सप्लायर, गोरखपुर से चल रहा था अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करी गिरोह
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने नशीली दवाओं के तस्करी गिरोह का पर्दाफाश कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से ट्रामाडोल अल्प्राजोलम जैसी 330 ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने नशे की दवाओं की तस्करी में शामिल अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
इस गिरोह से जुड़े पांच तस्करों को दिल्ली, गोरखपुर और हिमाचल में छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपितों में एक एमबीए पास तस्कर भी है।
33,000 से अधिक गोलियां और कैप्सूल बरामद किए गए
इनके कब्जे से ट्रामाडोल, अल्प्राजोलम और नाइट्राजेपाम जैसी प्रतिबंधित 33,000 से अधिक गोलियां और कैप्सूल बरामद किए गए हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत पांच लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
क्राइम ब्रांच की उपायुक्त अपूर्वा गुप्ता के मुताबिक यह कार्रवाई एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामले में जांच के दौरान की गई।
सबसे पहले नरेला के विकास को पकड़ा गया, जिसकी निशानदेही पर एक मेडिकल स्टोर मालिक सुधीर को भी गिरफ्तार किया गया।
एमबीए पास जीतू गोरखपुर से मंगवाता था दवाएं
उनसे पूछताछ के बाद इस रैकेट का मास्टरमाइंड सुनील कुमार भारद्वाज उर्फ नीतू और मुख्य सप्लायर अजीत उर्फ जीतू को भी गिरफ्तार किया गया।
जीतू ने एमबीए किया हुआ है, उसने पुलिस को बताया कि वह गोरखपुर के अंबर अग्रहरि उर्फ पांडेय से दवाइयां मंगाता था।
मेडिकल स्टोर से जरिये नशीली दवाओं की अवैध बिक्री होती थी
आरोपितों के कब्जे से उनके कब्जे से ट्रामाडोल की कुल 18 हजार गोलियां (1.8 किलोग्राम), 7,380 ट्रामाडोल कैप्सूल (369 ग्राम), नाइट्राजेपाम की 7,400 टेबलेट, आइपी 10 एमजी (एल्जा-10) और 505 अल्प्राजोलम गोलियां बरामद की गई हैं।
पूछताछ में पता चला कि गिरोह मेडिकल स्टोर के जरिए इन नशीली दवाओं की अवैध बिक्री करता था। इस पूरे रैकेट का संचालन गोरखपुर से हो रहा था और दिल्ली में आपूर्ति की जाती थी। मामले की जांच अब भी जारी है और अन्य संभावित लिंक की तलाश की जा रही है।

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