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    INI-CET 2025 स्पॉट राउंड को लेकर एम्स पर गिरी गाज, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

    दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और एम्स से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें दावा किया गया है कि कुछ प्रमुख मेडिकल संस्थान खाली सीटों के बावजूद पीजी मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान संयुक्त प्रवेश परीक्षा (आईएनआई-सीईटी) 2025 के लिए स्पॉट एडमिशन राउंड आयोजित करने में विफल रहे। कोर्ट ने एम्स को नोटिस जारी किया है और सुनवाई 4 अप्रैल तक स्थगित कर दी है।

    By Ritika Mishra Edited By: Rajesh KumarUpdated: Mon, 31 Mar 2025 06:29 PM (IST)
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    कोर्ट ने केंद्र सरकार और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली को नोटिस जारी किया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और एम्स से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें दावा किया गया है कि कुछ प्रमुख मेडिकल संस्थान खाली सीटों के बावजूद पीजी मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान संयुक्त प्रवेश परीक्षा (आईएनआई-सीईटी) 2025 के लिए स्पॉट एडमिशन राउंड आयोजित करने में विफल रहे।

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    कोर्ट ने एम्स को जारी किया नोटिस

    न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कई डॉक्टरों द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली को नोटिस जारी किया। अदालत ने सुनवाई 4 अप्रैल तक स्थगित कर दी। याचिका में एम्स द्वारा स्पॉट एडमिशन राउंड आयोजित न करने की कार्रवाई को चुनौती दी गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि यह INI-CET परीक्षा जनवरी 2025 के लिए ओपन एडमिशन राउंड के बाद आयोजित की जानी थी।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता तन्वी दुबे ने कोर्ट को प्रॉस्पेक्टस दिखाया और तर्क दिया कि ओपन राउंड के बाद सीट आवंटन की प्रक्रिया के अनुसार, यदि आवश्यक हुआ तो स्पॉट राउंड भी आयोजित किया जाना था।

    अधिवक्ता ने कोर्ट से एम्स को बिना किसी देरी के आईएनआई-सीईटी काउंसलिंग का स्पॉट राउंड आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

    अधिवक्ता ने तर्क दिया कि एम्स ने प्रॉस्पेक्टस में कहा है कि पीजी कोर्स के विभिन्न विषयों का आवंटन आईएनआई की संयुक्त ऑनलाइन काउंसलिंग द्वारा किया जाएगा। ऑनलाइन काउंसलिंग का पहला, दूसरा, ओपन राउंड और स्पॉट राउंड (यदि आवश्यक हुआ तो) सभी आईएनआई के लिए एम्स, नई दिल्ली द्वारा आयोजित किया जाएगा।

    वकील ने क्या कहा?

    अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उम्मीदवारों को यह लग रहा था कि प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, स्पॉट राउंड आयोजित किया जाएगा। हालांकि, बाद में वे यह देखकर हैरान रह गए कि एम्स ने स्पॉट राउंड आयोजित नहीं करने का फैसला किया है और इससे याचिकाकर्ता सीट सुरक्षित करने के लिए काउंसलिंग राउंड में भाग लेने के अवसर से वंचित हो गए।

    अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उम्मीदवार परिस्थितियों के शिकार हैं क्योंकि वे बिना किसी गलती के पीड़ित हैं। उन्होंने अच्छी रैंक हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। हालाँकि, उन्हें ओपन और ऑन-स्पॉट राउंड के रद्द होने की संभावना के बारे में कभी सूचित नहीं किया गया।

    एम्स के वकील का जवाब

    वहीं, एम्स के वकील ने दलील दी कि याचिका गलत तरीके से तैयार की गई है। वकील ने दलील दी कि ओपन राउंड के बाद भी खाली रहने वाली पीजी सीटें केवल आईएनआई द्वारा अपने सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद स्पॉट राउंड आयोजित करके ही भरी जा सकती हैं। एम्स के वकील ने दलील दी कि आईएनआई, जहां रिक्तियां उपलब्ध हैं, मामले में एक आवश्यक पक्ष है।

    वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि वह आईएनआई को पक्षकार बनाने के लिए आवेदन दाखिल करेंगे।एम्स ने पीजी पाठ्यक्रमों के लिए आईएनआई-सीईटी परीक्षा के लिए प्रॉस्पेक्टस जारी किया था और 10 नवंबर 2024 को परीक्षा आयोजित की थी और 16 नवंबर 2024 को परिणाम घोषित किया था।

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