उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, आपरेशन सिंदूर है ओसामा बिन लादेन को मारने जैसा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई की तुलना ओसामा बिन लादेन के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई से की। उन्होंने आर्थिक राष्ट्रवाद पर जोर देते हुए कहा कि भारत विरोधी देशों का समर्थन नहीं करना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट किया और वैश्विक समुदाय को एक कड़ा संदेश दिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर की तुलना अमेरिका की ओर से पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मार गिराने की कार्रवाई से की। उन्होंने यह भारत मंडपम में आयोजित जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के वार्षिक दीक्षा समारोह में कहा।
उन्होंने पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा की गई कार्रवाई को देश की अब तक की सबसे गहरी सीमा-पार स्ट्राइक बताया और 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमलों को याद किया।
ओसामा बिन लादेन का नाम लिए बिना उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2 मई, 2011 को एक वैश्विक आतंकी, जिसने अमेरिका में 9/11 हमलों को जिस तरह अंजाम दिया, उसे अमेरिका ने उसी तरह से निपटाया। भारत ने भी ऐसा किया और वह भी दुनिया की जानकारी में है।
आतंकवाद पर कार्रवाई कर भारत ने वैश्विक मानदंड स्थापित किया
उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक नया "वैश्विक मानदंड" स्थापित किया है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार पहली बार जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, और केवल आतंकवादियों को ही निशाना बनाया गया।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार से वैश्विक समुदाय को एक स्पष्ट संदेश दिया था। उन्होंने कहा, वो शब्द खोखले नहीं थे। अब दुनिया ने उसे समझ लिया है।
भारत विरोधी देशों की अर्थव्यवस्था को भारतीय को समर्थन नहीं मिले
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत विरोधी रुख अपनाने वाले देशों की अर्थव्यवस्था को भारत के नागरिकों का समर्थन नहीं मिलना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने यह सुझाव ऐसे वक्त में दिया है जब भारत में तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ व्यापार और पर्यटन के बहिष्कार की आवाजें तेज हो रही हैं।
धनखड़ ने कहा कि हर भारतीय को यह तय करना होगा कि हम उन देशों को कैसे सशक्त बना सकते हैं, जो हमारे हितों के विरुद्ध कार्य करते हैं। अब समय आ गया है कि हम आर्थिक राष्ट्रवाद के सिद्धांत को गंभीरता से लें।
व्यापार, वाणिज्य और उद्योग जैसे क्षेत्रों को सुरक्षा मामलों में बड़ी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हर चीज को देशभक्ति और राष्ट्रवाद के दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। यह मानसिकता हमें अपने बच्चों को शुरू से सिखानी चाहिए।
इस अवसर पर जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष शरद जयपुरिया, राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी, उपराष्ट्रपति जगदीप सिंह धनकड़ की धर्मपत्नी सुदेश धनकड़ व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
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