Independence Day: लाल किला के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त, फ्लाइंग ऑब्जेक्ट की उड़ानों पर प्रतिबंध
स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में आतंकी हमला होने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में पुलिस ने अपनी तरफ से पुरी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। सुरक्षा को लेकर पुलिस गत दो माह तैयारी शुरू कर दी थी। लाल किला के पीछे यमुना नदी में भी पुलिसकर्मी मोटर बोट के साथ गश्त कर रहे हैं। लाल किला के चारों तरफ दिन रात पेट्रोलिंग की जा रही है।

नई दिल्ली, जागरण संवादाता। स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में आतंकी हमला होने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने अपनी तरफ से पुरी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। सुरक्षा को लेकर पुलिस गत दो माह तैयारी शुरू कर दी थी।
लाल किला व उसके आसपास चरणबद्ध तरीके से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। लाल किला पर जमीन से आसमान तक सुरक्षा का कड़ा पहरा शुरु कर दिया गया है। लाल किला के पीछे यमुना नदी में भी पुलिसकर्मी मोटर बोट के साथ गश्त कर रहे हैं। लाल किला के चारों तरफ दिन रात पेट्रोलिंग की जा रही है।
15 अगस्त को पीएम रूट से लाल किला तक लगभग दस हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। अकेले लाल किला व आसपास लगभग पांच हजार सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। लाल किला व आसपास एक हजार से अधिक आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। निगरानी के लिए ऊंचे मचान व मोर्च बनाए गए हैं।
लाल किला के आसपास किसी भी तरह के फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को उड़ाने पर प्रतिबंध है। दिल्ली पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल के लिए कई बैठके भी हो चुकी हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस स्वतंत्रता दिवस समारोह काफ भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इस बार कोरोना को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं है। ऐसे में लोग भी काफी संख्या में आएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से लाल किला पर पहली बार इजरायली सॉफ्टवेयर से युक्त आटोमेटिक फेस रिकग्निशन सिस्टम (एफआरस) समेत आधुनिक कैमरे लगाए गए हैं।
लगाए सीसीटीवी कैमरे: डीसीपी
डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि लाल किला के हर क्षेत्र को कवर करते हुए यहां लगभग 550 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रत्येक प्रवेश द्वार पर एफआएस कैमरे लगे हैं। सिस्टम में पहले से आतंकियों व बदमाशों का डोजियर का डाटाबेस में है।
कैमरा उनके चेहरों को पकड़ते ही पुलिस को अलर्ट कर देगा। लाल किला के आसपास व पीएम रूट पर भी आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर हलचल पर नजर रखने के लिए चार कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
जमीन पर नहीं बैठेंगे छात्र
पहले स्वतंत्रता दिवस पर छात्र जमीन पर बैठकर प्रधानमंत्री का भाषण सुनते थे। इस बार वे जमीन पर नहीं बल्कि कुर्सियों पर बैठेंगे। वो भी किसी कोने में नहीं, बल्कि जहां से प्रधानमंत्री भाषण देंगे ठीक उसके सामने।
यहां एक हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस बार लाल किला पर करीब 20 हजार दर्शक आएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।