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    दिल्ली-एनसीआर की सुरक्षा में सेंध, अरावली पहाड़ी क्षेत्र पर फिर धनकुबेरों की नजर

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Fri, 30 Mar 2018 06:40 PM (IST)

    अरावली पहाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा ही गुरुग्राम एवं फरीदाबाद ही नहीं बल्कि दिल्ली की भी सुरक्षा है। पता नहीं क्यों इसके लेकर लापरवाही बरती जा रही है। ...और पढ़ें

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    दिल्ली-एनसीआर की सुरक्षा में सेंध, अरावली पहाड़ी क्षेत्र पर फिर धनकुबेरों की नजर

    गुरुग्राम [जेएनएन]। अरावली पहाड़ी क्षेत्र पर फिर से धनकुबेरों की नजर है। इसका प्रमाण है रायसीना इलाके में कई नए फार्म हाउसों का निर्माण। इससे यह भी साफ है कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र की रक्षा करने में जिला प्रशासन, वन विभाग, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं डीटीपी तक फेल हो रहे हैं।

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    फार्म हाउसों की है काफी संख्या

    जानकारी के मुताबिक पूरा अरावली पहाड़ी क्षेत्र वन क्षेत्र घोषित है। वन क्षेत्र में सरकार के स्तर पर किए जाने वाले विकास कार्यों को छोड़कर किसी भी के गैर वानिकी कार्य नहीं किए जा सकते हैं। इसके बाद भी 10 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर गैर वानिकी कार्य हो चुके हैं। काफी संख्या फार्म हाउसों की है। इलाके में गैर वानिकी कार्य न हों, इसके लिए कई विभागों की जिम्मेदारी तय है। इसके बाद भी गैर वानिकी कार्य रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।

    16 फार्म हाउसों को नोटिस जारी किया गया

    वन विभाग ने गत सप्ताह 16 फार्म हाउसों को नोटिस जारी किया है। विभाग का मानना है कि नए फार्म हाउस बनाए गए हैं। इस तरह विभाग ने ही प्रमाणित कर दिया है अरावली पहाड़ी क्षेत्र में गैर वानिकी कार्य चल रहे हैं। जिला वन अधिकारी दीपक नंदा कहते हैं कि रायसीना इलाके में बनाए गए फार्म हाउसों के मालिकों को सोहना के रेंज ऑफिसर ने नोटिस भेजा है। इस बारे में जिला प्रशासन से बातचीत की जा रही है। जल्द ही फार्म हाउसों को तोड़ने का निर्णय लिया जाएगा। किसी भी हाल में गैर वानिकी कार्य बर्दाश्त नहीं होगा।

    शुरू में ही अधिकारी दिखाते हैं सक्रियता

    ऐसा अक्सर देखा गया है कि पदभार संभालने के बाद कुछ महीने तक नए अधिकारी सक्रियता दिखाते हैं। फिर स्थिति जस की तस। यदि ऐसा नहीं होता तो अरावली पहाड़ी इलाके क्षेत्र के हजारों एकड़ भूमि पर गैर वानिकी कार्य नहीं होते। जाने माने पर्यावरण कार्यकर्ता व सेवानिवृत्त वन संरक्षक डा. आरपी बालवान कहते हैं कि जब तक अरावली को बचाने के लिए ईमानदारी से काम नहीं होगा तब तक गैर वानिकी कार्य होते रहेंगे। अरावली पहाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा ही गुरुग्राम एवं फरीदाबाद ही नहीं बल्कि दिल्ली की भी सुरक्षा है। पता नहीं क्यों इसके लेकर लापरवाही बरती जा रही है।  

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