नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में अब जल्द ही सुपरसाइट और मोबाइल लैब से वायु प्रदूषण के स्त्रोत का पता लगाया जाएगा। सिर्फ स्त्रोत ही नहीं, प्रदूषक तत्वों की गर्भ में क्या है, उनका उत्पत्ति स्थल क्या है, उन्हें जड़ से किस प्रकार खत्म किया जा सकता है, इस पर भी कार्य किया जाएगा। इससे भी अहम बात यह कि कुछ ही माह के दौरान राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का साप्ताहिक पूर्वानुमान भी जारी किया जाने लगेगा। मालूम हो कि इस परियोजना को दिल्ली कैबिनेट ने 2021 मंजूरी दी थी और अक्टूबर में करार पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत आइआइटी कानपुर, आइआइटी दिल्ली, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) और आइआइएसईआर मोहाली की टीम दिल्ली में प्रदूषण को लेकर अध्ययन करेगी। डीपीसीसी को आइआइटी कानपुर के साथ अध्ययन को क्रियान्वित करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है।
क्या है सुपरसाइट
सुपरसाइट से अभिप्राय एक ऐसे कंट्रोल रूम से है जहां वायु प्रदूषण के स्तर, उसके तत्व, स्त्रोत और उसके कारकों की निगरानी होगी। सब कुछ पूरी गहराई से किया जाएगा। धातु रूप में ही नहीं, आयन रूप में मौजूद प्रदूषक तत्वों का भी अध्ययन किया जाएगा। धातु रूप वाले तत्वों का उत्सर्जन होता है जबकि आयन वायुमंडलीय विज्ञान की रासायनिक प्रक्रिया से बनते हैं। दोनों का ही रियल टाइम अध्ययन होगा। ब्लैक कार्बन की भी निगरानी की जाएगी।
कहां होगी यह सुपरसाइट
आइआइटी कानपुर, डीपीसीसी और पर्यावरण विभाग की टीम ने राजघाट, मंदिर मार्ग, पंजाबी और आनंद विहार सहित कई साइटों का दौरा किया है, जहां प्रदूषण काफी रहता है। इनमें से कोई एक साइट फाइनल की जाएगी। पूरी दिल्ली में सुपरसाइट एक ही होगी और वहां बनाई जाएगी जहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति, आवागमन संभव हो और दिल्ली के केंद्र में हो। इस सुपरसाइट पर एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन के अलावा हवा के मौसम विज्ञान और प्रदूषण से जुड़े तमाम पहलुओं का अध्ययन करने वाले अनेक उपकरण रहेंगे। रियल टाइम एम्बिएंट एयर एनालाइआर, आनलाइन पार्टिकुलेट मैटर और आयन विश्लेषण प्रणाली जैसे उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर किए जा रहे हैं।
सुपरसाइट से जुड़ी होगी मोबाइल लैब
लागत की ²ष्टि से काफी महंगी होने के कारण सुरसाइट तो एक ही होगी, लेकिन इससे एक मोबाइल लैब भी जुड़ी होगी जो राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में जाकर वहां के प्रदूषक तत्वों के नमूने लेगी। इसी आधार पर पता लगाया जाएगा कि दिल्ली में किस समय, किस तरह का प्रदूषण होता है, क्यों होता है और उसकी रोकथाम के प्रभावी उपाय क्या हो सकते हैं।
जारी होगा एक सप्ताह का पूर्वानुमान
सुपरसाइट की मदद से एक सप्ताह के वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान भी जारी किया जाएगा। इसी पूर्वानुमान के आधार पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के प्रविधान लागू किए जाएंगे। फिर चाहे स्कूल बंद करने हों या निर्माण कार्यों और ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगानी हो।
अगस्त तक शुरू होने का अनुमान
यह सुपरसाइट और मोबाइल लैब जुलाई या अगस्त से कामकाज करना शुरू कर देंगी। इसके साथ ही साप्ताहिक पूर्वानुमान भी जारी करना शुरू कर दिया जाएगा। प्रयास यही है कि आगामी सर्दियों तक दिल्ली सरकार की यह योजना मूर्त रूप ले ताकि इस बार वायु प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में रह सके।
प्रो. मुकेश कुमार शर्मा (सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आइआइटी कानपुर) का कहना है कि रियल टाइम स्त्रोत विभाजन अध्ययन और प्रदूषण पूर्वानुमान योजना पर जोर- शोर से काम चल रहा है। जल्द ही सुपरसाइट फाइनल हो जाएगी। हमारा पूरा प्रयास है कि अधिकतम अगस्त तक कामकाज शुरू कर दिया जाए। आगामी सर्दियों को बेहतर बनाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।