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बायो-कृत्रिम लिवर बनाएगा आइआइटी दिल्ली, हजारों मरीजों को मिलेगी राहत

यकृत बीमारियों के उपचार की चुनौती कम करने के लिए हम एकसाथ आए हैं। कृत्रिम यकृत को लेकर पहले से काम चल रहा है लेकिन आइआइटी दिल्ली की 3 डी प्रिटिंग की जो विशेषता है उसका उपयोग इस क्षेत्र में किया जाएगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 12:57 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 12:57 PM (IST)
यकृत संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए बायो-आर्टिफिशियल लिवर प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आइआइटी) दिल्ली और आइएलबीएस (यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान) के बीच शनिवार को एक करार हुआ। करार में यकृत संबंधी बीमारियों के इलाज में आर्टिफिशियल (कृत्रिम) इंटेलीजेंस के प्रयोग समेत बायो-आर्टिफिशियल लिवर (यकृत) बनाने की दिशा में शोध की बात कही गई।

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आइआइटी ने बताया कि करार के तहत दोनों संस्थानों के पीएचडी छात्र एक-दूसरे के यहां कक्षाओं में बैठ सकते हैं। बशर्ते कि संबंधित कक्षा, पाठ्यक्रम उनके शोध से संबंधित हो। करार में यकृत बीमारियों के इलाज में आर्टिफिशियल इंटलीजेंस के उपयोग, बायो-स्पेंसर विकसित करने, मैटेरियल साइंसेस, थ्रीडी बायो- प्रिटिंग, बायो-आर्टिफिशियल लिवर, प्रभावी दवा वितरण में नैनो तकनीक के इस्तेमाल, इन्क्यूबेशन सेंटर के निर्माण का भी जिक्र है। आइएलबीएस के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने कहा कि आइआइटी दिल्ली देश के सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है।

हजारों मरीजों को मिलेगी राहत

यकृत बीमारियों के उपचार की चुनौती कम करने के लिए हम एकसाथ आए हैं। कृत्रिम यकृत को लेकर पहले से काम चल रहा है, लेकिन आइआइटी दिल्ली की 3 डी प्रिटिंग की जो विशेषता है, उसका उपयोग इस क्षेत्र में किया जाएगा।

आइआइआइटी दिल्ली में हुआ दीक्षा समारोह

वहीं, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली ने रविवार को अपना 9वां दीक्षा समारोह आयोजित किया। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण समारोह वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया था। हालांकि छात्रों की उपलब्धियों को पारंपरिक तरीके से नहीं मनाया जा सकता था, फिर भी संस्थान ने यह आयोजन छात्रों के लिए समानता प्रेरक और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। समारोह के दौरान संस्थान ने 237 बीटेक, 203 एमटेक, 2 एमटेक डबल और, 12 पीएचडी के छात्रों को डिग्री प्रदान की।

राघव और श्राविका हाल आफ फेम में शामिल

इस वर्ष राघव सूद और श्राविका मित्तल कुलाधिपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित होकर आइआइआइटी दिल्ली हाल आफ फेम में शामिल हुए, जबकि पुलकित मादन और राघव गोयल ने सर्वश्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन पुरस्कार हासिल किया। राघव गोयल, अभिषेक अग्रवाल (सीएसएएम) और तनिष गुप्ता ने प्रतिष्ठित आल राउंड परफार्मेंस मेडल भी जीता। एमटेक छात्र आदित्य खंडेलवाल और प्रतीक सिंह ने भी उत्कृष्ट अकादमिक प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

समारोह में 2017 के नोबेल पुरस्कार विजेता कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जोआचिम फ्रैंक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। इस मौके पर उपराज्यपाल अनिल बैजल और किरण कार्णिक ने स्नातक करने वाले छात्रों को बधाई दी। दीक्षांत समारोह को संस्थान के यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम किया गया।

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