IIT Delhi में 2,764 विद्यार्थियों को मिली डिग्री, अब तक सबसे ज्यादा पीएचडी डिग्री देने का नया रिकॉर्ड
आईआईटी दिल्ली ने इस साल 2764 विद्यार्थियों को डिग्रियां दीं जिनमें 530 पीएचडी शामिल हैं। महिला स्नातकों का प्रतिशत 27% रहा। समारोह में 20 वर्षीय चंदन और 63 वर्षीय गोपाल कृष्ण को भी डिग्री मिली। डा. टेसी थामस ने नवाचार पर जोर दिया। हरीश साल्वे ने सही-गलत में फर्क करने की सलाह दी और प्रो. रंगन बनर्जी ने छात्रों को ईमानदारी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने लगातार तीसरे साल अपना ही रिकार्ड तोड़ते हुए इस बार 2,764 विद्यार्थियों को डिग्रियां और डिप्लोमा प्रदान किए।
इनमें 530 पीएचडी डिग्रियां शामिल हैं, जो संस्थान के इतिहास में सबसे अधिक हैं। महिला स्नातकों का प्रतिशत भी बढ़कर 27 प्रतिशत (735 छात्राएं) पहुंच गया है।
शनिवार को आईआईटी दिल्ली के 56वें दीक्षा समारोह में सबसे कम उम्र के 20 वर्षीय चंदन गोडारा (बीटेक, सिविल इंजीनियरिंग) और सबसे अधिक उम्र के 63 वर्षीय गोपाल कृष्ण तनेजा (पीएचडी) को भी डिग्री दी गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित मिसाइल वुमन ऑफ इंडिया डाॅ. टेसी थाॅमस ने कहा कि दुनिया डेटा, एल्गोरिद्म और आटोमेशन से संचालित हो रही है, ऐसे समय में मानव मूल्यों का महत्व और बढ़ जाएगा।
डीआरडीओ की पूर्व महानिदेशक डाॅ. टेसी ने कहा कि भारत अब आयातक से नवाचार निर्यातक देश बन रहा है और आईआईटी दिल्ली में इसकी भूमिका अहम है।
उन्होंने एआई, सतत ऊर्जा, क्वांटम टेक्नोलाॅजी, स्पेस साइंस और ह्यूमन-मशीन इंटरफेस में जिम्मेदार नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया।
समारोह की अध्यक्षता बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हरीश साल्वे ने की। साल्वे ने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता और असफलता से ऊपर उठकर सही-गलत में फर्क करना सीखें और अपनी आकांक्षाओं को सीमित न करें।
आईआईटी दिल्ली निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने छात्रों से कहा कि कैंपस से बाहर निकलते समय विनम्रता, सीखने की इच्छा और ईमानदारी को साथ लेकर जाएं।
लोगों को समझने और उनसे सहानुभूति रखने की आदत डालें। हमने आपको सवाल पूछना और खुद सोचने की क्षमता दी है, अब आपके पास ईमानदारी और निष्ठा के साथ आगे बढ़ने की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम में प्रतिष्ठित पूर्व छात्र (डिस्टिंग्विश्ड एल्युमिनाई अवार्ड- डीएए) 2025 भी दिए गए और डीएए वाल का उद्घाटन किया गया, जो संस्थान के विशिष्ट पूर्व छात्रों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया है।
तीन साल में बढ़त का ग्राफ
- 2023 (54वां दीक्षा): 2,357 स्नातक, 25 प्रतिशत महिलाएं, 15 अंतरराष्ट्रीय छात्र
- 2024 (55वां दीक्षा): 2,656 स्नातक, 25 प्रतिशत महिलाएं, 481 पीएचडी
- 2025 (56वां दीक्षा): 2,764 स्नातक, 27 प्रतिशत महिलाएं, 43 अंतरराष्ट्रीय छात्र, 530 पीएचडी (नया रिकार्ड)
पुरस्कार विजेता
- राष्ट्रपति स्वर्ण पदक: अंकित मंडल (बीटेक, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग)
- निदेशक स्वर्ण पदक: जसकरण सिंह सोधी (बीटेक, मटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग)
- डाॅ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक: देवेंद्र कुमार (एमटेक, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग)
- परफेक्ट टेन गोल्ड मेडल: श्रेयांश गुप्ता (एमटेक, थर्मल इंजीनियरिंग) और सौमिली चक्रवर्ती (एमटेक, पालिमर साइंस एंड टेक्नोलाॅजी)
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