IGL की 800 किमी लंबी हाई-प्रेशर स्टील एवं MDPI गैस पाइपलाइन को लेकर प्रशासन अलर्ट, NDMC को लिखा लेटर
नई दिल्ली के जिलाधिकारी ने आईजीएल पाइपलाइन नेटवर्क की सुरक्षा पर चिंता जताई है। एनडीएमसी सचिव को लिखे पत्र में बिना अनुमति खुदाई रोकने और आईजीएल से समन्वय की बात कही गई है। आईजीएल नई दिल्ली में 800 किमी लंबी गैस पाइपलाइन का संचालन करती है जो महत्वपूर्ण इमारतों से गुजरती है। अनियोजित खुदाई से दुर्घटनाओं का खतरा है इसलिए समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नई दिल्ली जिले में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की पाइपलाइन नेटवर्क की सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी सनी के सिंह ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने एनडीएमसी सचिव तारिक थामस को पत्र लिखकर बिना अनुमति खोदाई कार्यों को रोकने और आईजीएल के साथ अनिवार्य समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया है।
प्रमुख प्रतिष्ठानों से होकर गुजर रही पाइपलाइन
पत्र में बताया गया है कि आईजीएल इस समय नई दिल्ली जिले में लगभग 800 किलोमीटर लंबी हाई-प्रेशर स्टील और एमडीपीई गैस पाइपलाइन का संचालन कर रही है।
यह नेटवर्क संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री निवास, केंद्रीय मंत्रियों के आवास, विदेशी दूतावासों, फाइव स्टार होटलों और अन्य प्रमुख प्रतिष्ठानों से होकर गुजरता है।
आइजीएल की यह महत्वपूर्ण अधोसंरचना जिले में अनेक सीएनजी स्टेशन, 30,000 घरेलू उपभोक्ता और 750 से अधिक वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं को निर्बाध गैस आपूर्ति सुनिश्चित करती है।
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जान और माल का खतरा
जिलाधिकारी ने पत्र में लिखा है कि पावर विभाग, एनडीएमसी, एमसीडी, डीसीबी, दिल्ली जल बोर्ड, टेलीकाम और बीएसईएस जैसी एजेंसियों द्वारा बिना पूर्व सूचना और आइजीएल के समन्वय के खोदाई कार्य किए जा रहे हैं।
इससे पाइपलाइन को क्षति पहुंचने, गैस रिसाव और आगजनी जैसी गंभीर दुर्घटनाएं होने की आशंका बनी रहती है। उन्होंने ऐसे कार्यों को जनता की जान और माल के लिए खतरा बताया है।
आईजीएल को सूचित किया जाए
उन्होंने एनडीएमसी सचिव से अपने अधीनस्थ क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश देने को कहा है ताकि भविष्य में कोई भी खोदाई कार्य शुरू करने से पहले आईजीएल को अनिवार्य रूप से सूचित किया जाए और समन्वय स्थापित किया जाए।
साथ ही, ऐसे सभी कार्य आदेशों में आईजीएल से समन्वय का स्पष्ट उल्लेख भी किया जाए। इस पत्र में आईजीएल के नोडल अधिकारी अचिंत गुप्ता का नाम भी साझा किया गया है ताकि आवश्यक समन्वय समय पर हो सके।
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