Delhi Crime: शेयर बाजार में निवेश कराने के नाम पर ठगे 64.75 लाख रुपये, पुलिस ने दो जालसाज किए गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की IFSO टीम ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपित फर्जी अकाउंट खोलकर साइबर अपराधियों के पैसे ठिकाने लगाने में भी मदद करते थे। उन्होंने एक पीड़ित से 64.75 लाख रुपये की ठगी भी की थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: स्पेशल सेल की Intelligence Fusion and Strategic Operations (IFSO) की टीम ने शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफे का झांसा देकर ठगी करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित फर्जी अकाउंट खोलने और उनका प्रबंधन करने में शामिल थे।
इन खातों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों द्वारा निवेश धोखाधड़ी से प्राप्त धन को ठिकाने लगाने के लिए किया गया। हाल ही में आरोपितों ने पीड़ित से निवेश का झांसा देकर 64.75 लाख की ठगी की थी।
पुलिस ने ठगों से जुड़े चीनी एप्स और वॉलेट का पता लगाया
इनकी पहचान सूरत गुजरात के वड्डोरिया केविन मुकेश भाई और रुड़की उत्तराखंड के अब्दुल बारिक के रूप में हुई है। उनके पास से छह मोबाइल बरामद हुए हैं। पुलिस को इनसे जुड़े चीनी एप्स और ऑनलाइन वॉलेट का भी पता चला है।
उपायुक्त हेमंत तिवारी के मुताबिक, दो अप्रैल को अशोक कुमार ने IFSO में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उनके साथ आईपीओ, स्टाॅक ट्रेडिंग के माध्यम से लाभ का झांसा देकर 64.75 लाख की धोखाधड़ी की गई।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों ने उनका एक फर्जी डीमैट खाता खोलने के लिए राजी किया। बाद में उन्होंने ठगों के निर्देशानुसार पांच विभिन्न खातों में 64.75 लाख रुपये भेज दिए।
इंटरनेट मीडिया पर कमीशन के आधार पर देता था बैंक खाते
पीड़त की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। एसीपी जय प्रकाश की निगरानी में टीम गठित की गई। पांचों बैंक अकाउंट की जांच की गई, जिसमें पैसे भेजे गए थे।
जांच के दौरान पता चला कि आरोपित वड्डोरिया केविन मुकेश भाई टेलीग्राम पर गेमिंग अड्डा और हाई-पे जैसे कई चीनी साइबर समूहों का सक्रिय सदस्य है।
वह इंटरनेट मीडिया पर कमीशन के आधार पर बैंक खाते प्रदान करता था और लोगों को पैसे लगाने के लिए लुभाता था। जांच के दौरान उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। फिर उसके साथी अब्दुल बारिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
महाराष्ट्र में डिजिटल अरेस्ट के मामले में वांछित है आरोपित
पूछताछ में पता चला कि मुकेश द्वितीय वर्ष का छात्र है। वह महाराष्ट्र में एक डिजिटल अरेस्ट के मामले में वांछित था। वहीं, आरोपित अब्दुल बारिक टेलीग्राम पर निवेश योजनाओं वाले विज्ञापन को देखता था और वड्डोरिया से संपर्क करता था।
एक अन्य चीनी एजेंट ने भी अब्दुल बारिक से खाता और सिम कार्ड प्रदान करने के लिए संपर्क किया था। आरोपित विदेशी वाॅलेट से यूएस डालर में कमीशन लेने के लिए बायनेंस ऐप का उपयोग कर रहे थे।
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