साइबर ठगों के चंगुल से बचाना चाहते हैं अपनी मेहनत की कमाई तो इस नंबर पर तुरंत करें फोन, जानिए क्या हैं फायदे
साइबर ठगों के चंगुल से पीड़ितों की रकम बचाने के लिए अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर 155260 कामयाब हो रहा है। इस नंबर पर शिकायतें मिलने के बाद अब तक एक करोड़ रुपये की रकम ठगों के चंगुल से बचाई गई है।

नई दिल्ली, [धनंजय मिश्रा]। साइबर ठगों के चंगुल से पीडि़तों की रकम बचाने के लिए अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर 155260 कामयाब हो रहा है। इस नंबर पर शिकायतें मिलने के बाद अब तक एक करोड़ रुपये की रकम ठगों के चंगुल से बचाई गई है। इस हेल्पलाइन नंबर को गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मिलकर शुरू किया था। साइबर सेल के डीसीपी अन्येष राय ने बताया कि धोखे का शिकार होते ही यदि पीडि़त हेल्पलाइन नंबर पर तुंरत शिकायत करते हैं तो सात से आठ मिनट के भीतर उस रकम को होल्ड पर कर दिया जाएगा। इससे रकम ठग के बैंक खाते में ट्रांसफर ही नहीं होगी।
रोजाना आ रही शिकायतें
उन्होंने बताया कि दो माह में शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए एक करोड़ रुपये की रकम ठगों के बैंक में जाने से पहले ही रोक दी गई। उन्होंने बताया कि इस हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना 18 से 20 शिकायतें आ रही हैं। इस तरह से हेल्पलाइन नंबर कर रहा काम हेल्पलाइन नंबर की 10 लाइनें हैं। ऐसे में काल करते समय नंबर नहीं होगा व्यस्त।-काल करते ही पीडि़त से पूछी जाती है घटना की जानकारी जैसे नाम, नंबर, घटना का समय, बैंक खाता नंबर।-जानकारी लेकर संबंधित पोर्टल, बैंक व ई कामर्स के डैश बोर्ड को अलर्ट संदेश भेजा जाता है। -पीडि़त को ठगी के कुछ ही समय में करनी होती है शिकायत, तभी रकम को रोका जा सकता है।
वेबसाइट का भी ले सकते सहारा
हेल्पलाइन नंबर के अलावा आप वेबसाइट https://cybercrime.gov.i/ पर जाकर ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गृह मंत्रालय ने पिछले साल साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.i/ और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के साथ 155260 पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन प्लेटफॉर्म पर सबसे पहले दिल्ली को जोड़ा गया है। इसके बाद राजस्थान को जोड़ा गया है।
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