Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली में हर दस में से एक महिला में पाया गया HPV संक्रमण, क्या हो सकता है सर्विकल कैंसर; रिपोर्ट में खुलासा

    Updated: Mon, 26 Aug 2024 08:50 AM (IST)

    What is HPV Infection दिल्ली एम्स के एक अध्ययन ने सबको चौंका दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी में हर दस में से एक महिला में एचपीवी का संक्रमण पाया गया है। देश में रोज 214 महिलाओं की सर्विकल कैंसर से मौत हो रही है। मौत कारण इस बीमारी की स्क्रीनिंग और जागरूकता की कमी बताई गई। आशा वर्कर महिलाओं को जांच और स्क्रीनिंग की विशेष ट्रेनिंग दी गई है।

    Hero Image
    Delhi News: सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी जांच जरूरी। फाइल फोटो

     रणविजय सिंह, नई दिल्ली। स्क्रीनिंग और जागरूकता के अभाव में देश में रोज 214 महिलाओं की सर्विकल कैंसर से मौत हो जाती है। सर्विकल कैंसर (Cervical cancer) की स्क्रीनिंग बढ़ाने की रणनीति को लेकर एम्स के डॉक्टरों ने अध्ययन किया, जिसमें सामने आया कि दिल्ली में हर दस में से एक महिला में एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) का संक्रमण मिला है। इन्हें सर्विकल कैंसर होने का जोखिम अधिक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अध्ययन में कहा गया कि आशा वर्कर सर्विकल कैंसर की स्क्रीनिंग में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। वे महिलाओं को स्वयं सैंपल देने के लिए घर-घर जाकर एचपीवी जांच (HPV infection) किट उपलब्ध करा सकती हैं। एम्स के डॉक्टरों का यह अध्ययन हाल ही में अमेरिका के जेसीओ ग्लोबल आंकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

    आशा वर्करों को एचपीवी जांच का दिया गया प्रशिक्षण

    इस अध्ययन में 47 आशा वर्करों शामिल की गईं। स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े होने के बावजूद सिर्फ एक आशा वर्कर ने सर्विकल कैंसर की स्क्रीनिंग कराई थी। अध्ययनकर्ता एम्स के गायनेकोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. नीलांचली सिंह ने बताया कि टेलीफोन से आशा वर्कर को सर्विकल कैंसर की स्क्रीनिंग व एचपीवी जांच के लिए सैंपल लेने के तरीके का प्रशिक्षण दिया गया है।

    ताकि वे घर-घर जाकर महिलाओं को स्वयं सैंपल लेने की विधि बता सकें। इसके अलावा एक आशा ट्रैक मोबाइल ऐप दिया गया है। जिससे महिलाओं का डाटा ऐप से दर्ज कर सकें। आशा वर्करों ने 982 महिलाओं की काउंसलिंग की। 48.9 प्रतिशत महिलाएं स्क्रीनिंग कराने में असहज थीं। 465 महिलाएं अध्ययन में शामिल हुईं।

    इनकी उम्र 30 से 65 वर्ष के बीच थी और सभी विवाहित थीं। उन्होंने स्वयं सैंपल लेकर एचपीवी जांच के लिए आशा वर्कर को उपलब्ध कराए। इनमें से 10.7 प्रतिशत महिलाएं एचपीवी पॉजिटिव पाई गईं। 10.6 प्रतिशत आशा वर्कर भी पॉजिटिव पाई गईं। सभी की एम्स में कोलपोस्कोपी की गई। दो महिलाओं में जख्म पाए गए। जिसका इलाज किया गया। 98.9 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि जांच के लिए खुद सैंपल लेना आसान है।

    एचपीवी पॉजिटिव का अर्थ सर्विकल कैंसर होना नहीं है

    डा. नीलांचली सिंह ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी जांच कर 70 प्रतिशत महिलाओं की स्क्रीनिंग करना जरूरी है। अभी एक प्रतिशत की ही स्क्रीनिंग होती है। स्क्रीनिंग के लिए आशा वर्करों की मदद ली जा सकती है।

    पूर्व के अध्ययनों में करीब छह प्रतिशत महिलाओं में एचपीवी संक्रमण होने की बात कही गई है। नए अध्ययन में ज्यादातर महिलाएं स्लम क्षेत्र की थीं। संभवत: स्वच्छता की कमी से संख्या अधिक रही। एचपीवी पॉजिटिव होने का अर्थ यह नहीं है कि हर किसी को सर्विकल कैंसर हो। स्क्रीनिंग से बीमारी से पहले या शुरुआत में ही पहचान कर निदान संभव है।

    ऐप बन सकता है मददगार

    ऐप हिंदी में होने के कारण 95.7 प्रतिशत आशा वर्करों ने मोबाइल ऐप के कॉन्टेंट को समझना आसान बताया। उनके लिए ऐप पर महिलाओं का डाटा दर्ज करना आसान था। इसलिए अध्ययन में शामिल डॉक्टर बताते हैं कि इस तरह ऐप सर्विकल कैंसर की स्क्रीनिंग में आशा वर्कर के लिए मददगार हो सकते हैं।

    यह भी पढ़ें: Delhi Traffic Advisory: जन्माष्टमी पर शाम छह बजे निकलेगी शोभा यात्रा, दिल्ली पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी