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    क्या दिल्ली में बंद होंगे बूचड़खाने? हाईकोर्ट ने DGCA और MCD समेत अन्य से मांगा जवाब

    दिल्ली हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित बूचड़खानों को बंद करने की मांग वाली याचिका पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अन्य संबंधित विभागों से जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि इन बूचड़खानों से पक्षियों के विमान से टकराने का खतरा है जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है। अदालत ने समस्या को कम करने के उपायों पर जवाब मांगा है।

    By Vineet Tripathi Edited By: Rajesh KumarUpdated: Wed, 19 Mar 2025 07:01 PM (IST)
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    IGI एयरपोर्ट के पास बूचड़खानों को बंद करने की मांग दिल्ली उच्च न्यायालय में की गई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बूचड़खानों को बंद करने की मांग वाली याचिका पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) व अन्य से जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि इससे पक्षियों के विमान से टकराने का खतरा है और यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में है।

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    हाईकोर्ट ने दिया ये निर्देश

    मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने डीजीसीए, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) व दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर समस्या को कम करने के उपायों पर जवाब मांगा है। मामले में आगे की सुनवाई 14 मई को होगी।

    याचिकाकर्ता गौरी मुलेखी ने याचिका में कहा कि एयरपोर्ट पर पक्षियों या वन्यजीवों के विमान से टकराने से न केवल विमान में सवार यात्रियों की जान और सुरक्षा को खतरा होता है, बल्कि दुर्घटना होने पर स्थानीय निवासियों के लिए भी खतरा पैदा होता है।

    पहले हो चुकी दुर्घटनाएं

    उन्होंने इसे रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करने के साथ ही एयरपोर्ट पर बर्ड-अवॉइडेंस मॉडल (बीएएम) लागू करने का निर्देश देने की मांग की। उन्होंने कहा कि बीएएम के अभाव में पहले भी कथित तौर पर गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

    याचिका में कहा गया है कि ऐसी घटनाओं के पीछे मुख्य कारण आईजीआई एयरपोर्ट के आसपास बूचड़खाने, मीट की दुकानें, डेयरी फार्म और पर्यावरण प्रदूषण की मौजूदगी है। याचिका में दावा किया गया है कि एयरपोर्ट के आसपास इनका संचालन और अवशेषों का निपटान कानून के खिलाफ है।

    उन्होंने कहा कि विमान नियमावली के तहत एयरपोर्ट से 10 किलोमीटर के दायरे में जानवरों को मारने या उनकी खाल उतारने या इससे जुड़े किसी भी कचरे के निपटान पर रोक है।

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