कुत्ता टहलाने को लेकर भिड़ गए थे पड़ोसी, दिल्ली हाई कोर्ट का डॉग शेल्टर होम को 10-10 हजार रुपये देने का आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने पालतू कुत्तों की देखभाल को लेकर पड़ोसियों के बीच झगड़े के मामले में दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी है। अदालत ने दोनों पक्षों को 10-10 हजार रुपये कुत्ता आश्रय गृह को देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि मामला आपसी विवाद का है और प्राथमिकी से वैमनस्य बढ़ेगा। अदालत ने आपसी सहमति से विवाद निपटाने पर जोर दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने पालतू कुत्तों की देखभाल को लेकर पड़ोसियों के बीच हुए झगड़े में दर्ज प्राथमिकी और क्रास एफआईआर को रद कर दिया है। अदालत ने दोनों पक्षों पर 10-10 हजार रुपये की राशि डॉग शेल्टर होम को देने के का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति अरुण मोंगा की पीठ ने 20 अगस्त को दिए आदेश में कहा कि मामला पड़ोसियों के बीच निजी विवाद का है, जो केवल पालतू कुत्तों की देखरेख को लेकर अनावश्यक मतभेद से उपजा।
अदालत ने कहा कि प्राथमिकी को जारी रखने से कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि इससे पड़ोसियों के बीच वैमनस्य और बढ़ेगा। इसके उलट कार्यवाही रद करने से आपसी सौहार्द और भाईचारा बढ़ेगा।
अदालत ने दोनों पक्षों की याचिकाएं स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने आपसी सहमति से विवाद निपटा लिया है और एक समझौता ज्ञापन भी कर लिया है। कोर्ट ने कहा कि यह सब अपने-अपने प्रिय पालतू कुत्तों के नाम पर हुआ है।
यह विवाद वर्ष 2024 की एक घटना से जुड़ा था। रोजाना कुत्ते टहलाने के दौरान दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जो देखते-देखते झगड़े में बदल गई। दोनों ने एक-दूसरे पर मारपीट, डराने-धमकाने और अभद्र व्यवहार के आरोप लगाए और प्राथमिकी दर्ज कराई।
बाद में, दोनों पक्षों के वकील ने अदालत को बताया कि यह महज एक गलतफहमी थी, जिसके चलते एफआइआर और क्राॅस एफआईआर दर्ज हुई। आपसी बातचीत से मामला सुलझा लिया गया है।
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